Last Updated: Friday, February 17, 2012, 14:08
न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अरब लीग समर्थित उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें सीरिया में जारी हिंसक हमलों की निंदा की गई है और सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद से पद छोड़ने का आग्रह किया गया है। भारत ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वह बल प्रयोग के सख्त खिलाफ है। 137 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में और 12 ने विरोध में मतदान किया, जबकि 17 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। गुरुवार को पारित हुए इस प्रस्ताव में हर तरह के मानवाधिकार उल्लंघनों को तथा नागरिकों के खिलाफ हमलों को तत्काल रोकने की मांग की गई है।
रूस और चीन ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। दोनों देशों ने दो सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अरब लीग समर्थित प्रस्ताव को वीटो के जरिए खारिज कर दिया था। यद्यपि यह प्रस्ताव बाध्यकारी प्रकृति का नहीं है, फिर भी इसे राष्ट्रपति बशर अल-असद द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अनवरत किए जा रहे हिंसक हमलों की कड़ी निंदा के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रस्ताव के पक्ष भारत के मतदान का स्पष्ट करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने यद्यपि हिंसा की निंदा की है, लेकिन किसी तीसरे देश द्वारा बल प्रयोग का विरोध भी किया है, और साथ ही किसी सीरियाई नेतृत्व वाले राजनीतिक सुलह की वकालत भी की है।
पुरी ने कहा, 'हम समझते हैं कि सीरिया में दीर्घकालिक अस्थिरता और अशांति के व्यापक क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता पर गम्भीर असर होंगे। हम हर तरह की हिंसा की निंदा करते हैं, चाहे वह किसी के द्वारा अंजाम दी जा रही हो। हम हर तरह के मानवाधिकार उल्लंघनों की भी निंदा करते हैं। इस महासभा द्वारा आज स्वीकृत प्रस्ताव को हमारा समर्थन सीरियाई नेतृत्व में किसी समग्र राजनीतिक प्रक्रिया के जरिए मौजूदा संकट के एक शांतिपूर्ण समाधान के अरब लीग के प्रयासों को हमारे समर्थन के अनुरूप है।'
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 17, 2012, 19:38