Last Updated: Friday, July 19, 2013, 16:02

वाशिंगटन: अगले हफ्ते होने वाली भारत की अपनी पहली यात्रा के पूर्व अमेरिका के उपराष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि अमेरिका अपनी एशिया नीति को संतुलित कर रहा है, और ऐसे में वह इस क्षेत्र में सुरक्षा और विकास की एक शक्ति के रूप में भारत के उदय का स्वागत करता है।
उन्होंने गुरुवार को कहा कि जिन कारणों से राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ हमारे रिश्ते को सदी की निर्णायक साझेदारी कहा है, उनमें से एक कारण यह है कि भारत दक्षिण पूर्व एशिया में और उसके बाहर भी सुरक्षा और विकास की एक शक्ति के रूप में व्यापक तौर पर देखा जा रहा है।"
जार्ज वाशिंगटन युनिवर्सिटी में वाशिंगटन के एक थिंक टैंक, सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस के तत्वावधान में आयोजित एक परिचर्चा में `एशिया-प्रशांत क्षेत्र और इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका विषय` पर बिडेन ने कहा कि हमारे लिए यह स्वागत योग्य खबर है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र से अमेरिका के जुड़ाव के कारणों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि हम इसे प्रोत्साहित करते हैं। हम भारत के क्षेत्रीय जुड़ाव का स्वागत करते हैं और भूमि व समुद्र के जरिए नए व्यापार और परिवहन विकसित करने के भारत के प्रयासों का स्वागत करते हैं।
बिडेन ने कहा कि एशियाई देशों को सामूहिक तौर पर सुरक्षा और समृद्धि हासिल करने में मदद देने के लिए अमेरिका 21सदी के नियमों का प्रारूप तैयार करने में सहायता करना चाहता है।
बिडेन ने कहा कि कई देशों में तेजी से आर्थिक रूपांतरण हुआ है, जिसके कारण बुनियादी रूप से एक नई गति, बढ़ती महत्वाकांक्षाएं और तनाव पैदा हुए हैं। लेकिन इन बदलावों से निपटने के लिए जिन नियमों-कानूनों की अपेक्षा की गई थी, वे अधूरे रह गए हैं। अब हम एशिया-प्रशांत में एक ऐसी व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें सभी राष्ट्र शामिल हों और जो सुरक्षा और समृद्धि ला सके। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 19, 2013, 16:02