Last Updated: Thursday, December 1, 2011, 07:42
वाशिंगटन: अमेरिका के एक पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी को यह पता नहीं था कि ओसामा बिन-लादेन कहां छुपा हुआ है।
रिटायर जेनरल जेम्स जोंस ने एक टेलीविजन कार्यक्रम में कहा, ‘मेरे अनुसार इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है।’’ जोंस ने उस प्रश्न के जवाब में ऐसा कहा जिसमें उनसे पूछा गया था,‘‘क्या आप मानते हैं कि कयानी और अन्य लोगों को सचमुच यह पता नहीं था कि ओसामा बिन-लादेन पाकिस्तान में है ?’
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में जनवरी 2009 से अक्तूबर 2010 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे जोंस ने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है।’
गौरतलब है कि अमेरिकी सुरक्षा बलों ने एक गुप्त अभियान चलाकार पाकिस्तान के एबटाबाद में अल-कायदा सरगना ओसामा बिन-लादेन को मौत के घाट उतार दिया था।
जब जोंस से पूछा गया कि इस मामले में वह क्या सोचते हैं तो उन्होंने कहा, ‘मेरा यही मानना है कि कयानी और अन्य को ओसामा के गुप्त ठिकाने की जानकारी नहीं थी इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है।’
साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद शांति और धर्य रखने के लिए जोंस ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान से यह कहने की जरूरत है कि अपनी विदेश नीति के एक साधन के रूप में वह आतंकवाद का त्याग करे।
दूसरे शब्दों में, वह आतंकवादी संगठनों के सुरक्षित ठिकानों और उनकी उपस्थिति को स्वीकार करे, चाहे वे भारत या फिर अफगानिस्तान केंद्रित क्यों न हों। ये शांति और प्रगति की राह में बाधक हैं, खासकर तब जब मनमोहन सिंह जैसे दूरद्रष्टा नेता मौजूद हैं जिन्होंने मुंबई हमले के खिलाफ प्रतिक्रिया नहीं देकर बड़ा राजनीतिक खतरा उठाया।’
जोंस ने कहा कि विश्व के कई नेता पाकिस्तान की सहायता करने के इच्छुक हैं बशर्ते वह चरमपंथी तत्वों को सहयोग करने की अपनी नीति का त्याग करे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 1, 2011, 15:06