Last Updated: Wednesday, January 9, 2013, 18:58

इस्लामाबाद : भारत को व्यापार के लिहाज से सबसे उपयुक्त राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा देने में हो रही देरी पर पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में पाकिस्तान की विदेश मंत्री हीना रब्बानी खार और वाणिज्य मंत्री मखदूम अमीन फहीम आपस में भिड़ गये। मीडिया की रिपोटोर्ं में यह जानकारी दी गई है।
मंत्रिमंडल की पिछले सप्ताह हुई बैठक में दोनों के बीच यह विवाद भारत के साथ व्यापार संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में 31 दिसंबर की समयसीमा निकल जाने को लेकर हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार खार का कहना था कि भारत के साथ व्यापार में नकारात्मक वस्तु सूची व्यवस्था को 31 दिसंबर की समयसीमा के भीतर समाप्त किया जाना चाहिये था, क्योंकि इसका दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ता है। समाचार पत्र बिजनेस रिकार्डर ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है।
विदेश मंत्री खार तीन जनवरी को वाणिज्य मंत्री फहीम के साथ उस समय उलझ पड़ी जब ‘‘भारत के साथ सकारात्मक सूची से निकलकर नकारात्मक सूची की तरफ बढ़ने’’ के मुद्दे पर विचार विमर्श हो रहा था, हालांकि यह मुद्दा उस दिन की कार्यसूची में नहीं था। सूत्रों के अनुसार इसके बाद खार ने एक अंतर.मंत्रालयी बैठक बुलाई जिसमें भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को पूरी तरह सामान्य बनाये जाने में आ रही अड़चनों पर विचार विमर्श किया गया।
पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में 31 दिसंबर तक नकारात्मक सूची को पूरी तरह समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई थी जिससे भारत को नये साल की शुरुआत में व्यापार में तरजीही राष्ट्र :एमएफएन: का दर्जा देने का मार्ग प्रशस्त हो जाता।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाल ही में कहा था कि भारत को एमएफएन का दर्जा देने के मामले में प्रक्रिया में देरी हो रही है। मंत्रिमंडल की बैठक में कपड़ा मंत्री मखदूम शहाब्बुद्दीन ने कहा कि भारत को एमएफएन का दर्जा दिये जाने से पहले पाकिस्तान के कपड़ा उत्पादों के लिये समान कर व्यवस्था जैसी सुविधायें उपलब्ध होनी चाहिये।
राष्ट्रीय नियमन और सेवाओं के मंत्री ने इस दौरान घरेलू उद्योगों के हितों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू उद्योगों के हितों का ध्यान नहीं रखा है।
खार ने इस बीच मंत्रिमंडल की बैठक में 28 फरवरी 2012 को लिये गये फैसले का जिक्र किया जिसमें 31 दिसंबर तक भारत के साथ नकारात्मक सूची व्यवस्था को समाप्त किये जाने का निर्णय किया गया था। उन्होंने कहा मंत्रिमंडल का यह बड़ा फैसला था और इस पर अमल पाकिस्तान के व्यापक हित में है।
भारत के साथ नकारात्मक सूची व्यवस्था में 78 कपड़ा और परिधानों सहित कुल 1,209 वस्तुओं में व्यापार को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं में वाणिज्य शुरु किये जाने की व्यवस्था है।
पाकिस्तानी किसान लॉबी भारत को एमएफएन का दर्जा दिये जाने का विरोध कर रही है। उनका कहना है कि तंबाकू को छोड़कर कोई भी कृषि उत्पाद नकारात्मक सूची में शामिल नहीं है।
बिजनेस रिकार्डर ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि वाणिज्य मंत्रालय ने किसानों को उनकी चिंताओं का ध्यान रखे जाने का आश्वासन दिया है। पत्र में कहा गया है कि अंदरखाने यह दावा किया जा रहा है कि भारत को एमएफएन का दर्जा दिये जाने से पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र पर कोई असर नहीं होगा, केवल तंबाकू पर ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
सूत्रों के अनुसार मुख्य मुद्दा जिसकी वजह से भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते पूरी तरह सामान्य होने में समय लग रहा है वह वाघा सीमा के पास पाकिस्तान की तरफ उपयुक्त ढांचागत सुविधाओं की तंगी है। माना जा रहा है कि बिना बेहतर सुविधाओं के भारत से आने वाले सामान की लागत भी बढ़ सकती है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 9, 2013, 18:58