Last Updated: Monday, February 6, 2012, 14:43
लंदन : ब्रिटेन सरकार ने सत्तारूढ पार्टी के सांसदों की मांग के विपरीत भारत को दी जा रही लाखों पौंड की मदद का बचाव करते हुए कहा कि अभी इसे समाप्त करने का समय नहीं आया है। आर्थिक रूप से संकट में फंसी डेविड कैमरून सरकार ने यूं तो बड़े पैमाने पर खर्चे घटाएं हैं, लेकिन उसने अंतरराष्ट्रीय सहायता जैसे क्षेत्रों में मदद में कटौती नहीं की है। भारत जैसे लगातार समृद्ध होते देश को मदद की ब्रिटेन में काफी आलोचना हो रही है।
रविवार से इस मसले पर भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के एक बयान को लेकर दोबारा बड़ी जोरदार बहस शुरू हो गई। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2010 में इस बारे में बयान दिया था, जो उस दिन फिर से प्रकाशित हुआ। मुखर्जी ने उस समय कहा था कि भारत विकास पर जितना खर्च कर रहा है उसमें ब्रिटेन की मदद तो ‘मूंगफली के दाने’ के बराबर है। और भारत उसके बगैर भी काम कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत को सहायता कार्यक्रम पर पुनर्विचार करने का ब्रिटेन का कोई इरादा नहीं है।
इस बीच, भारत ने कहा है कि वह हमेशा विदेशी मदद की सराहना करता रहा है। ब्रिटिश मीडिया में इस तरह की खबरें आई हैं कि ब्रिटेन भारत को मदद बंद कर सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि हमारे खर्च की जरूरत इतनी अधिक है कि विदेशी मदद बहुत छोटा हिस्सा होती है। पिछले साल की राज्यसभा की कार्यवाही के मद्देनजर ब्रिटेन में भारत को मदद रोकने की मांग उठ रही है। अधिकारी ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में हमें विदेशी मदद की जरूरत होती है और हम हमेशा से मदद उपलब्ध कराने के इस तरह के प्रयासों की सराहना करते हैं।
ब्रिटेन के अखबारों ‘संडे टाइम्स’ और ‘द संडे टेलीग्राफ’ में इस तरह की खबरें छपी हैं कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पिछले साल अगस्त में राज्यसभा में कहा था कि भारत को ब्रिटेन की मदद की जरूरत नहीं है। मुखर्जी ने ब्रिटेन की मदद को ‘पीनट (मूंगफली के दाने) के बराबर’ करार दिया था। अधिकारी ने कहा कि सब कुछ रिकॉर्ड पर है। कोई भी उसे देख सकता है कि संसद में क्या कहा गया और अखबारों में क्या छपा है। मीडिया की खबरों पर ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल हमारा ब्रिटेन के साथ एक सहायता कार्यक्रम है। हमारी ब्रिटेन सरकार के साथ इसकी प्रकृति, भविष्य, प्राथमिकता और वितरण के तरीके पर बातचीत चल रही है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, February 6, 2012, 21:54