Last Updated: Monday, December 12, 2011, 04:36
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री मैलकम फ्रेजर ने भारत को यूरेनियम बेचने पर लगी पाबंदी हटाए जाने के प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह सब अमेरिकी दबाव में हुआ है।
समाचार पत्र ‘द एज’ में लिखे एक लेख में फ्रेजर ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया का अमेरिकी दबाव में आना शर्मनाक है।’ फ्रेजर 1975 से 1983 तक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘जूलिया गिलार्ड ने यह फैसला करके बहुत बड़ी गलती की है। इस मामले को लेकर लेबर पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में लोग बंटे हुए थे और यह फैसला एक नाकाम राजनीतिक नेतृत्व का प्रतीक है। इस फैसले के दूरगामी परिणाम यह होंगे कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु हथियारों की होड़ बढ़ जाएगी तथा परमाणु अप्रसार को लेकर पहले से ही दोनों देश पीछे की ओर खिसक कर रहे हैं। दक्षिण एशिया के इन दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की जंग कोई सैद्धांतिक आशंका नहीं है, बल्कि वास्तविक और बहुत खतरनाक है।’
फ्रेजर ने कहा, ‘किसी भी संकट की स्थिति में परमाणु युद्ध हो सकता है। आशंका भी यह है कि पाकिस्तान के कुछ परमाणु हथियार आतंकवादियों के हाथ लग सकते हैं। यह बेहद चिंता का विषय है। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का जखीरा सबसे तेजी से बढ़ रहा है। किसी भी युद्ध के नतीजे वैश्विक स्तर के हो सकते हैं।’
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का परमाणु अप्रसार का रिकॉर्ड भयावह रहा है। उसने कई बार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 12, 2011, 10:13