भारत को लड़ाकू जेट देने को पेंटागन इच्छुक - Zee News हिंदी

भारत को लड़ाकू जेट देने को पेंटागन इच्छुक

वॉशिंगटन : पेंटागन अब भी अपने लड़ाकू जेट विमान भारत को बेचना चाहता है और वह नई दिल्ली के साथ सैन्य शस्त्र प्रणालियों के सह विकास की संभावना को गंभीरता से तलाश रहा है।

 

कांग्रेस के समक्ष पेश नौ पृष्ठों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंटागन अमेरिका के एफ-16 और एफ-18 लड़ाकू विमान न खरीदने के भारत के हालिया फैसले से अवगत है। रिपोर्ट में कहा गया है ‘इस झटके के बावजूद हम मानते हैं कि जॉइन्ट स्ट्राइक फाइटर (जेएसएफ) जैसे अमेरिकी विमान दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।’

 

पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस से कहा है, ‘अगर भारत जेएसएफ में दिलचस्पी दिखाता है तो अमेरिका उसे इसके बारे में तथा भारत की भावी योजना (जैसे ढांचागत सुविधाएं और सुरक्षा आदि) में सहयोग की जरूरत के बारे में जानकारी देने के लिए तैयार रहेगा।’

 

भारत के साथ रक्षा सहयोग के विस्तार के लिए उत्सुक पेंटागन ने कहा है कि वह भारत के साथ एक साझीदार के तौर पर सहयोगात्मक विकास के अवसर हासिल करने की खातिर साइंस एवं प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ने के मौके चाह रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने भारत के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा अनुसंधान एवं विकास सहयोग की दिशा में हाल ही में कई कदम उठाए हैं।

 

पेंटागन ने कहा, ‘ऐसा करके, हमने अत्याधुनिक प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का अपना इरादा जताया है।’ रिपोर्ट में कहा गया है ‘हमारे संबंध लगातार परिपक्व हो रहे हैं और ऐसे में हम मिलजुल कर साजो सामान के विकास की उम्मीद कर रहे हैं।’

 

पेंटागन के मुताबिक, अगले पांच साल में अमेरिका खुद को भारत के एक विश्वसनीय रक्षा आपूर्तिकर्ता के तौर पर स्थापित कर लेगा। भारत द्वारा अपनी सेना का आधुनिकीकरण किए जाने के मद्देनजर अमेरिका दोनों देशों की सेनाओं के बीच प्रशिक्षण एवं आदान प्रदान के अवसरों के प्रति भी उत्सुक है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विदेश और वाणिज्य मंत्रालय के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत की रक्षा जरूरतों के लिए अमेरिकी समाधान की वकालत करेगा।’ इसमें कहा गया है, ‘हम मानते हैं कि भारत अपना स्वदेशी रक्षा उद्योग तैयार करना चाह रहा है और इसके लिए उसकी नजर उत्कृष्ट प्रौद्योगिकियों पर है।’

 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘अमेरिका भारत के साथ गहरे रक्षा औद्योगिक सहयोग विकसित करना चाहता है जिसमें कई तरह की सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास गतिविधियां शामिल हैं।’ लड़ाकू विमानों के बारे में भारत का हालिया फैसला अमेरिका के लिए निराशाजनक था लेकिन फिर भी पेंटागन ने कांग्रेस को एक दशक से भी कम समय में भारत को छह अरब डॉलर के साजोसामान की बिक्री के बारे में सूचित किया है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 2, 2011, 20:53

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