Last Updated: Saturday, June 29, 2013, 20:57

बीजिंग : भारत और चीन ने शनिवार को अपने सीमा विवाद मुद्दे का निष्पक्ष और तर्कसंगत हल खोजने का निर्णय किया। दोनों देशों के बीच समाप्त हुई 16वें दौर की सीमा वार्ता के दौरान मुख्य फोकस हाल ही में लद्दाख क्षेत्र में हुई घुसपैठ की घटनाओं से बचने के लिए प्रस्तावित सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर रहा।
सीमा वार्ता के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और यांग जेइची के बीच आज समाप्त हुई सीमा वार्ता में यह निर्णय हुआ।
लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों के घुसपैठ की पृष्ठभूमि में आयोजित इस वार्ता में यह मुद्दा भी उठा। भारतीय दूतावास की ओर से जारी संक्षिप्त बयान के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच वार्ता उपयोगी, रचनात्मक और दूरंदेशी के माहौल में हुई।
बयान के अनुसार, मेनन और यांग ने भारत-चीन की सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के संबंध में बातचीत की। दोनों ने विश्वास बढ़ाने के अन्य संभावित अतिरिक्त कदमों के संबंध में भी चर्चा की। दोनों के बीच विमर्श और समन्वय की मौजूदा प्रक्रिया और दोनों पक्षों के बीच बातचीत की दक्षता को बढ़ाने के तरीकों को मजबूत बनाने के संबंध में भी चर्चा हुई।
चीन की ओर से आए बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार्य निष्पक्ष और तर्कसंगत हल खोजने पर हुए समझौते के साथ चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को शांतिपूर्ण वार्ता की मदद से सुलझाया जाएगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दोनों पक्ष सीमा विवाद मामले में मौजूदा प्रक्रिया को पूरा अवसर देने और मुद्दे के सुलझने से पहले सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर राजी हो गए हैं।’
इस ‘उपयोगी और लाभप्रद’ वार्ता के दौरान मेनन और यांग ने द्विपक्षीय संबंधों और परस्पर चिंताओं के अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर गंभीरता से एक-दूसरे से अपने विचार साझा किए।
चीन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के हालिया ऐतिहासिक भारत दौरे के मद्देनजर दोनों अधिकारियों ने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की भी समीक्षा की। दोनों ने परस्पर हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों का मानना है कि चीन-भारत के संबंधों का विकास दोनों देशों, क्षेत्र और विस्तृत रूप से दुनिया के हित में है।
उसमें कहा गया है कि दोनों उच्चस्तरीय संपर्क को बनाए रखने, परस्पर हितों को बढ़ाने, व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाने, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बेहतर बनाने तथा भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को और आगे ले लाने पर भी जारी हुए।
खबरों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच वार्ता के बीच मुख्य फोकस सीमा रक्षा सहयोग समझौता (बीडीसीए) के मसौदे पर रहा। दोनों पक्ष इस मसौदे पर पहले ही बातचीत कर चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 29, 2013, 20:57