‘भारत-चीन प्रशासनिक सुधारों पर सहयोग करेंगे मजबूत’

‘भारत-चीन प्रशासनिक सुधारों पर सहयोग करेंगे मजबूत’

बीजिंग : भारत और चीन ने प्रशासनिक सुधारों से जुड़े अपने कुछ सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों पर चर्चा की। साथ ही, नयी दिल्ली ने सरकारी अधिकारियों को चीन में दिये जाने वाले पांच महीने के प्रशिक्षण को अपनाये जाने में रूचि जताई।

कार्मिक, शिकायत एवं पेंशन मामलों के मंत्री वी नारायणसामी ने चीन के मानव संसाधन एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री यीन वेइमीन के साथ पिछले दो दिनों के दौरान लंबी चर्चा की, जिसमें उन्होंने अपनी-अपनी नौकरशाही से संबद्ध विभिन्न मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

नारायणसामी ने यहां भारतीय मीडिया को बताया कि वार्ता में प्रशासिनक सुधार, भर्ती प्रक्रिया, प्रशिक्षण, मानव संसाधन प्रबंध और सार्वजनिक कार्यक्रमों के कामकाज से जुड़े विषय शामिल थे।

उन्होंने बताया कि इस बैठक का एक अहम नतीजा यह निकला कि चीन दोनों देशों के अधिकारियों के एक दूसरे के देश में प्रशिक्षण की प्रक्रिया में भाग लेने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया।

नारायणसामी ने कहा, भारत ने वहां के अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए आने का न्योता दिया है। वहीं, हम अपने अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए चीन भेजेंगे। गौरतलब है कि चीन में केंद्र और प्रांत स्तर पर 3. 7 करोड़ अधिकारी हैं जबकि भारत में केंद्र और राज्य स्तर पर 1. 2 करोड़ सरकारी कर्मचारी हैं। भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या 37 लाख है।

नारायणसामी ने कहा कि भारत में अधिकारियों को दिये जाने वाले दो साल के प्रशिक्षण की तुलना में चीन में दिये जाने वाले पांच महीने के प्रशिक्षण से वह बहुत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस पर हम विचार कर सकते हैं और इसे बहुत अच्छा कहा जा सकता हैं क्योंकि इससे युवा अधिकारी की उर्जा दो साल के प्रशिक्षण में बर्बाद नहीं होती।

उन्होंने कहा कि हम अपने अधिकारियों को एक साल का क्षेत्र दौरा कराते हैं और विदेश में छह हफ्तों का प्रशिक्षण होता है। नारायणसामी ने कहा, ‘‘हम इस साल मई में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे। चीन नवंबर 2013 में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजेगा जिसके तहत यह देखा जाएगा कि दोनों देशों में संस्थान किस तरह से काम कर रहे हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या नौकरशाही में भ्रष्टाचार को हल करने के मुद्दे पर चर्चा हुई, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दोनों देशों में समझौता पत्र पर हुए हस्ताक्षर में यह शामिल नहीं है।

हालांकि, वार्ता के दौरान उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि नियमों के मुताबिक भारतीय अधिकारियों को अपनी सालाना आय की घोषणा करनी होती है जिसे वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाता है और यदि लोगों द्वारा कोई आपत्ति जताई जाती है तो कार्रवाई होती है।

नारायणसामी ने दोनों देशों के अधिकारियों के एक दूसरे के यहां प्रशिक्षण के लिए जाने के संदर्भ में कहा कि अरूणाचल प्रदेश के अधिकारियों के लिए वीजा का मुद्दा वार्ता में नहीं उठा। गौरतलब है कि चीन भारत के इस प्रांत को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है।

उन्होंने इस प्रदेश के भारत का अभिन्न अंग होने के नयी दिल्ली के रूख को दोहराया। दोनों देशों ने प्रशासनिक सुधार पर चर्चा करने के लिए पहली बार 2010 में एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया था। नारायणसामी ने बताया कि भारत ने सार्वजनिक उपक्रमों में सामाजिक सुरक्षा पर सामग्री भी साझा की और इस पर चीन से भी सूचना मुहैया करने को कहा।
उन्होंने बताया कि भारत ने जापान सहित कई देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा में सहयोग को लेकर समझौता किया है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 16, 2013, 22:08

comments powered by Disqus