Last Updated: Wednesday, November 28, 2012, 16:31

बीजिंग : अपने पहले विमानवाहक पोत को समुद्र में उतारने के बाद बड़ी समुद्री ताकत बनने की अपनी योजनाओं का संकेत देने वाले चीन के संबंध में सामरिक विश्लेषकों का कहना है कि भारत और चीन मिलकर ‘‘समुद्र पर राज’’ कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी अपनी समुद्री रणनीतियों के विरोधाभासों को सुलझाना होगा।
सरकारी ग्लोबल टाइम्स में एक प्रमुख थिंक टैंक के एक अधिकारी द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया है , ‘‘ यह स्वाभाविक है कि चीन और भारत के समान और एक दूसरे से टकराते समुद्री हित होंगे क्योंकि ये दोनों क्षेत्रीय उभरतीय शक्तियां हैं ।’’ ‘‘समुद्र में एकसाथ राज कर सकते हैं भारत. चीन ’’ शीषर्क से प्रकाशित लेख में इस बात का विश्लेषण किया गया है कि दोनों देश किस प्रकार प्रतिस्पर्धी समुद्री हितों को सुलझा सकते हैं।
लेख में कहा गया है, लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि चीन और भारत के बीच प्रतिस्पर्धा उनकी नियति में ही लिखी है। दोनों देशों को किस प्रकार अपने प्रतिस्पर्धी समुद्री हितों को सुलझाना चाहिए ? ये सवाल दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’ इसमें आगे कहा गया है, जिस प्रकार वैश्विक राजनीतिक ताकतें नये समीकरण गढ़ रही हैं उसी प्रकार भारत. चीन संबंधों का भविष्य भी पूरे अंतरराष्ट्रीय चलन को प्रभावित करेगा।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती पहुंच के बीच लेख में कहा गया है कि दोनों मिलकर सुरक्षा माहौल को आकार प्रदान कर सकते हैं । इस क्षेत्र में चीन कई समुद्री विवादों में फंसा हुआ है और वह साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में भी अपना प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों में जुटा है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 28, 2012, 16:31