Last Updated: Tuesday, August 13, 2013, 20:26

बीजिंग : चीन के सरकारी मीडिया ने यह स्वीकार किया है कि स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के जलावतरण के बाद भारत ने चीन पर बढ़त बना ली है, हालांकि उसने इससे दोनों देशों के बीच हथियारों की होड़ को बल मिलने से इंकार किया है।
सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में कहा, घरेलू विमान वाहक पोत को विकसित करने के मामले में चीन बड़ी ताकतों में पीछे रहता है। यहां तक कि भारत भी हमसे आगे बढ़ गया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा है कि विक्रांत के जलावतरण के बाद किसी तरह से हथियारों की होड़ नहीं शुरू होने वाली है।
उसने कहा, पंडितों के दिमाग में दोनों देशों के बीच भूराजनीतिक प्रतिस्पर्धा की बात घर कर गई है और वे किसी भी भारतीय कदम को चीन के लिए खतरे के तौर पर बढ़ाचढ़ा कर पेश करने में देर नहीं करते। वे इस तरह की अटकलों को हवा दे रहे हैं कि दोनों एशियाई पड़ोसियों के बीच क्षेत्रीय सर्वोच्चता के मकसद से हथियारों की होड़ बढ़ने वाली है।
एजेंसी ने कहा, इस तरह के विचार और बातें बड़े पैमाने पर गलत साबित होती लग रही हैं। भारत और चीन दुनिया के दो शीर्ष विकासशील देश हैं। दोनों के व्यापक हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा, यह सच है कि भारत क्षेत्रीय स्तर पर एक ताकत है और उसने हमेशा ही वैश्विक शक्ति बनने का सपना देखा है। बीते कुछ वर्षों से वह दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा है।
उसने अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बायडेन के हालिया भारत दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि आलोचकों का यह भी मानना है कि भारत को अमेरिका से मिल रहा समर्थन चीन के उदय को नियंत्रित करने के मकसद से है। पिछले साल चीन ने अपने पहले विमानवाहक पोत ‘लियोनिंग’ का जलावतरण किया था। इस पोत की वाहक क्षमता 50,000 टन है तथा इस पर एक साथ करीब 30 विमान मौजूद रह सकेंगे। खबर यह भी है कि चीन दो और विमानवाहक पोतों का निर्माण कर रहा है, हालांकि इससे संबंधित विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 13, 2013, 20:21