Last Updated: Monday, January 14, 2013, 13:24
बीजिंग: भारत और चीन के शीर्ष रक्षा अधिकारियों की, इस साल संयुक्त अभ्यास बहाल करने सहित द्विपक्षीय सैन्य संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए दो दिवसीय पांचवी सालाना रक्षा वार्ता सोमवार को शुरू हो गई।
भारतीय अधिकारियों ने यहां बताया कि यह वार्ता रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा की अगुवाई में भारत से आए तीनों सेनाओं के प्रतिनिधिमंडल और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के डिप्युटी चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल छी च्यांगो के बीच हो रही है।
समझा जाता है कि दोनों पक्ष इस साल संयुक्त सैन्य अभ्यास बहाल करने के लिए रूपरेखा की तैयारी करेंगे।
संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों में सुधार है। संयुक्त सैन्य अभ्यास वर्ष 2007 में चीन के कुनमिंग में तथा वर्ष 2008 में भारत के बेलगांव में हुआ था। वर्ष 2009 में जब जम्मू कश्मीर के निवासियों को चीन ने नत्थी किया हुआ वीजा देना शुरू किया तब संयुक्त सैन्य अभ्यास रोक दिया गया।
इसी नीति के तहत चीन ने लेफ्टिनेंट जनरल बी एस जसवाल को वीजा देने से मना कर दिया था। साम्यवादी देश का कहना था कि जसवाल जम्मू कश्मीर के विवादित और संवेदनशील क्षेत्र में बल का नेतृत्व कर रहे है। इसके बाद भारत ने चीन के साथ सैन्य संबंधों पर विराम लगा दिया था। बाद में बीजिंग ने यह नीति वापस ले ली जिससे सैन्य संबंधों की बहाली का रास्ता प्रशस्त हो गया।
इसके अलावा, दोनों देशों ने विवादित इलाकों में गश्त के कारण होने वाली सीमावर्ती घटनाओं से निपटने के लिए विचारविमर्श और समन्वित प्रक्रिया शुरू की।
नौवहन सुरक्षा के मुद्दे पर भी दोनों देशों ने चर्चा शुरू की क्योंकि भारत और चीन की नौसेना अदन की खाड़ी में समुद्री दस्युओं के हमलों को नाकाम करने में लगी हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 14, 2013, 13:23