Last Updated: Thursday, July 4, 2013, 21:11

बीजिंग: रक्षा मंत्री एके एंटनी का उच्चस्तरीय दौरा शुरू होने से ठीक पहले चीन के एक जनरल ने भारत को चेतावनी दी है कि वह सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाकर ‘नयी समस्या’ के लिए नहीं उकसाए।
‘चाइना स्ट्रेटजी कल्चर प्रमोशन एसोसिएशन’ के कार्यकारी उपाध्यक्ष तथा महानिदेशक मेजर जनरल लुओ युआन ने कहा, ‘इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि सीमावर्ती इलाकों में चीन और भारत के बीच तनाव एवं समस्याएं हैं।’
उन्होंने विदेशी संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘अब भी यह समस्या है कि भारतीय पक्ष का 90,000 वर्गकिलोमीटर के क्षेत्र पर कब्जा है। समस्याएं इतिहास से मिली हैं और हमें इनकी ओर ठंडे दिमाग से देखना चाहिए।’ उनसे एंटनी के चीन दौरे की पृष्ठभूमि में भारत-चीन संबंधों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की राय के बारे में पूछा गया था। एंटनी का दौरा गुरुवार रात से आरंभ हो रहा है।
युआन ने कहा, ‘भारतीय पक्ष को चाहिये कि वह नयी समस्याओं के लिए नहीं उकसाये और न ही उसे सीमावर्ती इलाकों में सैन्य तैनाती को बढ़ाकर नयी परेशानी शुरू करनी चाहिए।’
युआन ने कहा, ‘दुनिया में भारत इकलौता ऐसा देश है जो कहता है कि वह चीन से खतरे की वजह से अपनी सैन्य ताकत विकसित कर रहा है। भारत जो कहता और करता है, उसको लेकर उसे सजग होना चाहिए।’ उन्होंने जिस 90,000 वर्गकिलोमीटर की बात की है, उसका संदर्भ अरूणाचल प्रदेश से जुड़ा था जिसे चीन दक्षिणी तिब्बत करार देता है।
भारत का कहना है कि सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 4,000 किलोमीटर से जुड़ा है तो चीन का मत है कि यह सिर्फ 2,000 किलोमीटर सीमित है जो अरूणाचल प्रदेश है। बीते 28 जून को दोनों देशों के बीच ताजा सीमा वार्ता संपन्न हुई।
तीनों सैन्य बलों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एंटनी गुरुवार को चीन पहुंच रहे हैं। वह शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष जनरल चांग वानकुआन से मुलाकात करेंगे। बीते सात साल के दौरान किसी भारतीय रक्षा मंत्री का यह पहला चीन दौरा होगा। वह प्रधानमंत्री ली क्विंग से भी मुलाकात कर सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 4, 2013, 19:00