Last Updated: Monday, December 26, 2011, 03:59
इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच परमाणु एवं पारंपरिक हथियारों पर विश्वास बहाली के कदमों (सीबीएमएस) को लेकर सोमवार को इस्लामाबाद में दो दिवसीय बैठक शुरू हुई जो दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया के तहत हो रही है ।
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि अक्तूबर 2007 से परमाणु एवं पारंपरिक हथियारों पर विश्वास बहाली के कदमों को लेकर संयुक्त कार्य समूह की यह पहली बैठक है । हालांकि दोनों देशों के विदेश सचिवों सहित अन्य अधिकारी हाल में इस्लामाबाद और नयी दिल्ली में हुई बैठकों में इन मुद्दों पर चर्चा कर चुके हैं ।
सोमवार की बातचीत पारंपरिक हथियारों को लेकर सीबीएमएस पर केंद्रित होगी जबकि परमाणु मुद्दे पर कल चर्चा होगी । सूत्रों ने बताया कि जिन मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है उनमें जम्मू कश्मीर मिसाइल परीक्षणों और नियंत्रण रेखा के जरिए व्यापार को बढ़ाने से संबंधित विश्वास बहाली के कदम शामिल हैं ।
उन्होंने कहा कि असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी तक पहुंच बनाने के अपने मामले को मजबूत करने के स्पष्ट प्रयास के तहत पाकिस्तान भारत के साथ परमाणु सहयोग के मुद्दे पर जोर देता रहा है । इसके साथ ही वह फुकुशिमा जैसी स्थिति से निपटने के लिए उपायों पर चर्चा से संबंधित प्रस्ताव पर भी जोर दे रहा है ।
दस सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्तान और निरस्त्रीकरण के मुद्दों को देखने वाले कूटनीतिज्ञ शामिल हैं । महानिदेशक डी बाला वर्मा (निरस्त्रीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामले) परमाणु सीबीएमएस से संबंधित दल की अगुवाई कर रहे हैं जबकि संयुक्त सचिव (पाकिस्तान अफगानिस्तान और ईरान) पारंपरिक सीबीएमएस समूह का नेतृत्व कर रहे हैं। पाकिस्तानी पक्ष की अगुवाई अतिरिक्त सचिव मुनावर सईद भट्टी कर रहे हैं ।
पारंपरिक सीबीएमएस पर विशेषज्ञ स्तर की बातचीत का यह पांचवां तथा परमाणु सीबीएमएस पर छठा दौर है। दोनों समूहों के बीच बैठक का फैसला उस समय हुआ जब दोनों देशों के विदेश सचिव इस साल जून में यहां मिले।
भारत और पाकिस्तान के बीच 2008 के मुम्बई हमलों के मद्देनजर वार्ता प्रक्रिया रुक गई थी जो दो साल के अंतराल के बाद इस वर्ष के आरंभ में शुरू हुई ।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 27, 2011, 00:36