Last Updated: Saturday, February 11, 2012, 11:34
लाहौर : भारतीय चिकित्सकों के एक दल ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों की मदद करते हुए पाकिस्तान में पहली बार पर यकृत प्रतिरोपण की जटिल प्रक्रिया को संयुक्त तौर पर अंजाम दिया। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय और पाकिस्तानी सर्जनों के एक दल ने शुक्रवार को लाहौर के शेख जायद अस्पताल में लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांटेशन (एलडीएलटी) को अंजाम दिया।
चिकित्सक ने कहा कि एलडीएलटी एक बेहद संवेदनशील और जटिल सर्जिकल प्रक्रिया होती है जिसमें दान देने और पाने वाले, दोनों लोगों के जीवन को खतरा होता है। संयुक्त आपरेशन को दिल्ली के अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन सुभाष गुप्ता और उनके तीन सहयोगियों तथा तारिक बंगीश, कंवर शहजाद और उमर अली के पाकिस्तानी दल ने अंजाम दिया।
बंगीश ने कहा, ‘प्रमुख भारतीय एवं पाकिस्तानी प्रतिरोपण सर्जनों के संयुक्त प्रयास ने पाकिस्तान में एलडीएलटी के नए युग का सूत्रपात कर इतिहास रच दिया है।’ पहला यकृत प्रतिरोपण खानुम मौला में किया गया, जिसके लिए उनकी नजदीकी रिश्तेदार इरशाद बीबी ने जिगर दान किया।
दूसरा आपरेशन 45 साल की आबिदा परवीन का किया गया जिनके लिए उनके 19 वर्षीय पुत्र ने यकृत दान किया। सर्जनों को प्रत्येक संवेदनशील प्रक्रिया को पूरा करने में 12 घंटे का समय लगा। दोनों ही लोगों को शेख जायद अस्पताल लाया गया था क्योंकि उनके यकृत पूरी तरह से नाकाम हो गए थे। भारतीय चिकित्सक पाक सर्जनों के न्यौते पर पाकिस्तान गए थे।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, February 11, 2012, 17:04