भारत-पाक विदेश मंत्रियों की बैठक आज, सरल वीजा पर होगी बात

भारत-पाक विदेश मंत्रियों की बैठक आज, सरल वीजा पर होगी बात

भारत-पाक विदेश मंत्रियों की बैठक आज, सरल वीजा पर होगी बात इस्लामाबाद : भारत-पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित सरल वीजा समझौते पर आज विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा और उनकी पाकिस्तानी समकक्ष हिना रब्बानी खार के बीच मुलाकात के दौरान हस्ताक्षर होगा। खार ने कल एक साक्षात्कार में कहा, आतंकवाद अतीत का मंत्र था, आतंकवाद भविष्य का मंत्र नहीं है, भावुक ना हों। पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा, हां इसपर हस्ताक्षर होंगे। उन्होंने कहा कि इस बहुप्रतीक्षित समझौते पर वह और कृष्णा हस्ताक्षर करेंगे।

भारत-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की वार्ता से पहले दोनों देशों के विदेश सचिवों ने कल द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने और मुद्दों को सुलझाने के लिए करीब दो घंटे की बातचीत की। पाकिस्तान के विदेश सचिव जलील अब्बास जीलानी ने कहा, वार्ता साकारात्मक और बहुत अच्छी रही। विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले हमने मुद्दों का जायजा लिया और अब उनके बारे में अपने मंत्रियों को बताएंगे। जीलानी और भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई के बीच यह वार्ता दोनों देशों के विदेशी मंत्रियों की मुलाकात की तैयारी है। विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा कल यहां पहुंचे, वह आज पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार से मुलाकात करेंगे।

विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ से मुलाकात की। अशरफ ने कहा कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे का इंतजार कर रहा है। बैठक से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कृष्णा और परवेज ने भारत-पाक रिश्ते को आगे बढ़ाने के रास्तों के बारे में बातचीत की। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृष्णा से कहा कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे का इंतजार कर रहा है। 20 मिनट से ज्यादा देर तक चली इस बैठक में पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भी मौजूद थीं।

कल की विदेश सचिवों की बैठक में मथाई के नेतृत्व में भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त शरत सभरवाल, विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के संयुक्त सचिव यश सिन्हा और अन्य अधिकारी शामिल हुए।जीलानी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर, पाकिस्तान विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया की महानिदेशक जहरा अकबरी और अन्य अधिकारी शरीक थे। दोनों विदेश सचिवों ने भारत-पाकिस्तान के बीच फिर शुरू हुई वार्ता की समीक्षा की। कृष्णा और खार कल संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। वर्ष 2005 में 16 साल के अंतराल के बाद इसे बहाल किया गया था। पिछले दो साल से अधिक अवधि में कृष्णा का यह दूसरा पाकिस्तान दौरा है।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद नयी दिल्ली की चर्चा का केंद्रबिंदु होगा, विशेष तौर पर मुंबई हमला मामले की धीमी प्रगति। इस वार्ता में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है वे कैदियों, व्यापार और सीमा से संबंधित हैं। इस दौरान एक उदार वीजा नीति और सांस्कृतिक सहयोग पर भी सहमति बनने की संभावना है।

विदेश सचिव स्तर की वार्ता के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने संवाददाताओं से कहा, वार्ता मैत्रिपूर्ण, स्पष्ट और बहुत साकारात्मक रही। उन्होंने फिर से बहाल हुई वार्ता के सभी पहलूओं की चर्चा की और अभी तक हुई वार्ता की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने माना कि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हुई है लेकिन अभी और करने की जरूरत है।
विदेश सचिवों ने कल हुई संयुक्त आयोग के कार्य समूह की बैठक के परिणामों की समीक्षा की और अब उसके बारे में मंत्रियों को बताएंगे।

इस बीच पाकिस्तान के तीन मुख्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी कृष्णा से भेंट कर बहाल हुई वार्ता प्रक्रिया और व्यापार समेत कई मुद्दों पर बात की। डॉक्टर फारूक सत्तार के नेतृत्व वाले एमक्यूएम के प्रतिनिधिमंडल ने कृष्णा से मुलाकात की। इसमें वसीम अख्तर, नसरीन जलील और ताहिर मशेदी शामिल थे।

सत्तार ने कराची और मुंबई में वाणिज्य दूतावास खोलने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने वीजा प्रक्रिया को भी सरल बनाने को कहा। सीनेटर मोहम्मद अदील के नेतृत्व में एएनपी के प्रतिनिधिमंडल ने भी विदेश मंत्री कृष्णा से भेंट की। अदील ने कहा कि एएनपी मानता है कि युद्ध कोई हल नहीं देता है। उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों को वार्ता के माध्यम से सुलझाने पर जोर दिया।

सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद के नेतृत्व में पीएमएल (क्यू) के प्रतिनिधिमंडल ने भी विदेश मंत्री कृष्णा से मुलाकात की और आशा जताई कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जल्द ही पाकिस्तान आएंगे। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा के साथ अपनी वार्ता से ठीक पहले कहा, आतंकवाद अतीत का मंत्र था, आतंकवाद भविष्य का मंत्र नहीं है। उन्होंने भारत से कहा कि वह मुंबई हमलों की सुनवायी को ‘याथार्थवादी’ नजरीए से देखे ‘भावुकता’ से नहीं। खार ने संकेत दिया कि कृष्णा की यात्रा के दौरान नए वीजा समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएगा।


खार ने कहा कि भारत को एक अलग नजरिए से देखने की पाकिस्तान की कोशिशों और भारत के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने (जैसे व्यापार) के बारे में उसने कई गंभीर संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करके उनके देश ने कई बातों पर अपना पुराना रूख बदला है।

फिर से बहाल हुई वार्ता को जारी रखने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आगे बढ़ने का अर्थ है कि भारत-पाकिस्तान साथ में बातचीत करेंगे और छोटे कदम मझोले आकार के कदमों में बदलेंगे। खार ने कहा, मैं सोचती हूं कि यह हो रहा है और फिर हमारे सामने बड़े कदम हैं लेकिन उनके लिए हमें सोच को बदलना होगा।

उन्होंने कहा, जब मुझे बताया गया कि आतंकवाद बातचीत का मुद्दा बना रहेगा मैं स्तब्ध रह गई। कौन मुझे कह सकता है कि आतंकवाद पाकिस्तान के लिए मुद्दा नहीं है। और यह सब पुराने समय की बातें हैं। खार ने कहा कि आज से पहले जो भी हुआ वह अतीत है और हमें भविष्य में सहयोग बढ़ाने के मौके को गंवाना नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा, मुझे बहुत तकलीफ होगी अगर पाकिस्तान या भारत एक दूसरे के साथ बैर की रिश्तों को अपनी पहचान के लिए चुनते हैं। मुंबई हमलों की सुनवायी को जल्दी पूरा करने की भारत की मांग पर उन्होंने कहा, एक ही बात को बार-बार दोहराने से मामला सुलझेगा नहीं। उन्होंने कहा कि भारत को न्याययिक प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए पूरे मामले को याथार्थवादी नजरिए से देखना चाहिए भावनात्मक नजरिए से नहीं।

पूछने पर कि कृष्णा की यात्रा के दौरान सरल वीजा समझौते पर हस्ताक्षर होने के बारे में वह क्या सोचती हैं उन्होंने कहा,इंशाअल्लह, होना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि यह नया समझौता वर्ष 1974 में हुए पुराने और कठोर वीजा समझौते की जगह लेगा।

इस समझौते से दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा। इसमें उद्योगपतियों के लिए मल्टीपल-एंट्री और रिपोर्टिंग फ्री वीजा जारी किया जाएगा जिसकी मदद से वे तीन की जगह पांच शहरों में जा सकेंगे। इस समझौते के लागू होने पर बुजुर्गों को पुलिस के पास रिपोर्ट करने से छूट मिल जाएगी, दोनों देशों के आम लोगों को एक के स्थान पर तीन शहरों में जाने की अनुमति होगी। वाघा सीमा पर बुजुर्गों और बच्चों के लिए ‘वीजा ऑन अराइवल’ की व्यवस्था होगी।सूत्रों ने कहा कि इस वीजा समझौते से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपंर्क बढ़ेगा।

वीजा समझौते के बारे में सूत्रों ने कहा कि भारत इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए पहले से ही तैयार था। इस समझौते पर मई में गृह सचिव स्तर की वार्ता के दौरान ही हस्ताक्षर होने थे लेकिन पाकिस्तान अंतिम समय में पीछे हट गया। पाकिस्तान चाहता था कि इस समझौते पर राजनीतिक स्तर पर हस्ताक्षर हो।

पाकिस्तानी मीडिया ने आज अपने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान-भारत वीजा नीति पर सहमति बन गई है और निर्णय लिया गया है कि आठ श्रेणियों में वीजा जारी किए जाएंगे। इन श्रेणियों में राजनयिक वीजा, गैर-राजनयिक वीजा, 36 घंटों के लिए पारगमन वीजा, पर्यटक वीजा, सिविल सोसायटी वीजा, मीडिया वीजा और बिजनेस वीजा आदि शामिल हैं। इस समझौते पर आज भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई और पाकिस्तान के विदेश सचिव जलील अब्बास जीलानी के बीच हुई बातचीत के दौरान सहमति बनी।

दूसरी ओर, विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा के पाकिस्तान पहुंचने पर जमात-उद-दावा के प्रमुख और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद ने दावा किया है कि कृष्णा के पाकिस्तान दौरे का लक्ष्य व्यापार जैसे मुद्दों की ओर ध्यान आकषिर्त कर कश्मीर मुद्दे से ध्यान भटकाना है। सईद ने कहा, भारत के विदेश मंत्री के वर्तामान दौरे का लक्ष्य कश्मीर मुद्दे की ओर से ध्यान हटाना है। लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम पाकिस्तान के दुश्मनों की साजिशों को कामयाब नहीं होने देंगे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत भारत के शीर्ष नेताओं ने पाकिस्तान से कहा है कि वह मुबई हमले की योजना बनाने वालों और उसमें लिप्त अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। इन लोगों में सइद का भी नाम है।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने सईद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत और सामग्री मुहैया करा दी है। अमेरिकी प्रशासन द्वारा सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम होने के बावजूद वह खुलेआम लाहौर में रहता है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, September 8, 2012, 08:45

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