Last Updated: Wednesday, June 6, 2012, 18:51
बीजिंग : भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिव आगामी 29 जून को नयी दिल्ली में मिलेंगे जिसमें मध्य जुलाई में इस्लामाबाद में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की होने वाली अहम बैठक के लिए आधार तैयार करेंगे।
पाकिस्तान के विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी ने आज यहां कहा कि विदेश सचिव विदेश मंत्रियों की होने वाली बैठक के लिए आधार तैयार करेंगे। जिलानी यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आए हैं। उन्होंने बैठक से इतर भारतीय मीडिया के साथ यहां अनौपचारिक बातचीत में ये बातें कहीं।
इन बैठकों से पहले 11 और 12 जून को इस्लामाबाद में सियाचिन पर वार्ता होगी। उसके बाद 17 और 18 जून को नयी दिल्ली में सरक्रीक पर चर्चा होगी। वीजा व्यवस्था पर कोई समझौता होने में विफलता पर जिलानी ने इस धारणा का खंडन करने की कोशिश की कि पाकिस्तान शुरूआती समझ के बाद मसौदे से पीछे हटने जा रहा है।
मसौदा पर दोनों पक्षों ने पहल की है और एक हस्ताक्षर दूर है और यह धारणा कि यह रुक गई है यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार की राजनैतिक मंजूरी हासिल करने के बाद इसपर हस्ताक्षर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रियों की अगली बैठक के दौरान इसपर हस्ताक्षर किया जाएगा।
पाकिस्तान के विदेश सचिव विदेश मंत्री एस एम कृष्णा से मुलाकात के बाद एक होटल में भारतीय पत्रकारों के समूह को पाकर आश्चर्यचकित रह गए। वह एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
कृष्णा ने खुद कहा कि वह लिफ्ट में जिलानी से टकराए। जिलानी ने कहा कि कृष्णा और जरदारी एससीओ बैठक में विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों को एससीओ में पर्यवेक्षक देश का दर्जा हासिल है। दोनों पूर्ण सदस्य बनने की कोशिश कर रहे हैं।
जिलानी ने कहा कि उन्हें पूर्ण सदस्य के तौर पर पाकिस्तान को शामिल किए जाने का विश्वास है। प्रक्रियागत औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद सदस्यता प्रदान की जाएगी। एससीओ में रूस, चीन, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान सदस्य हैं।
जिलानी ने कहा कि जरदारी ने अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से बैठक से इतर मुलाकात की। जरदारी के चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ से भी मिलने की उम्मीद है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 6, 2012, 18:51