Last Updated: Friday, February 1, 2013, 18:59

काठमांडो : नेपाल की सत्तारूढ़ माआवेादी पार्टी अपने सिद्धांतों में भारी बदलाव करते हुए पूंजीवाद के माध्यम से समाजवाद लाने की नयी राह पकड़ेंगे और वे पार्टी के आगामी राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना भारत विरोधी रूख भी छोड़ देंगे।
मध्य नेपाल के हेताउदा नगरपालिका में कल से शुरू हो रहे इस छह दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में सत्तारूढ़ यूसीपीएन-माओवादी के करीब 2,500 प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन 20 वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा। इसका लक्ष्य छापामारा लड़ाकों से राजनीतिक दल बने माओवादी पार्टी को पुनर्जीवित करना है।
यूसीपीएन-माओवादी के उपाध्यक्ष और उपप्रधानमंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘जैसा कि अध्यक्ष माओ त्सेतुंग ने प्रतिपादित किया है हम भी साम्यवाद को पाने के लिए पूंजीवाद का रास्ता अपनाएंगे ‘नव लोकतंत्रवाद’ का नहीं।’’ माओवादियों की अभी तक की भारत-विरोधी नीतियों में बदलाव के संकेत देते हुए श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘भारत का विरोध राष्ट्रीय राजनीति का आधार नहीं हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वतंत्रता के साथ कोई समझौता किए बगैर और अपना भविष्य स्वयं निर्धारित करने का अधिकार प्राप्त करने के साथ भी हम भारत और चीन जैसे पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रख सकते हैं।’’ (एजेंसी)
First Published: Friday, February 1, 2013, 18:59