Last Updated: Wednesday, November 2, 2011, 05:15
वाशिंगटन : अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन की एक रिपोर्ट में अमेरिका ने भारत के दीर्घकालिक महत्व को रेखांकित करते हुए दोनों देशों के बीच पारस्परिक लाभदायक रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है।
भारत के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंटागन हथियारों के संयुक्त विकास, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण, भारत और अमेरिका के बीच सेना के स्तर पर सहयोग को मजबूत बनाने समेत अनेक पहलों पर काम कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अगले पांच साल में, एशिया-प्रशांत और विश्व भर में हम भारत के साथ सशक्त और पारस्परिक लाभ वाले रक्षा संबंधों को परिपक्व बनाने के लिए सतत रूप से जरूरी संरचनाओं का निर्माण करेंगे।’ पेंटागन ने कहा, ‘हम सतत सैन्य वार्ताओं, सहमति आधारित सहयोग के कार्यान्वयन, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई जैसी गतिविधियों पर विशेष बल के साथ सहयोग को लागू कर तथा रक्षा व्यापार और युद्ध सामग्री के क्षेत्र में सहयोग पुख्ता कर रक्षा संबंधों को बढ़ाएंगे।’ इस साल पेश बजट निर्देश के मुताबिक इस नौ पेज के रिपोर्ट को कांग्रेस संसद में पेश किया गया है।
पेंटागन के प्रवक्ता जार्ज लिटल ने कहा, ‘रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2012 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में किए गए आग्रह के मुताबिक भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर रिपोर्ट जमा कर दी है।’ जार्ज लिटिल ने एक बयान में कहा कि इस रिपोर्ट में भारत-अमेरिकी संबंधों की मौजूदा स्थिति और भविष्य में द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने से जुड़े सुझाव दिए गए हैं।
शक्तिशाली सीनेट सशस्त्र सेवा समिति ने कहा था कि उसका मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक भागीदारी में बढ़ोतरी कानून पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखने और विस्तार के लिए जरूरी है। यह व्यवस्था स्वतंत्रता, लोकतंत्र, सुरक्षा, समृद्धि और 21वीं सदी में कानून के शासन को प्रोत्साहित करने वाली होगी।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 2, 2011, 10:46