भारत से वापस नहीं जाना चाहते हैं पाक हिंदू तीर्थयात्री

भारत से वापस नहीं जाना चाहते हैं पाक हिंदू तीर्थयात्री

इस्लामाबाद : इस समय भारत के राजस्थान में मौजूद सैंकड़ों पाकिस्तानी हिंदू तीर्थयात्रियों का कहना है कि वे अपने देश लौटना नहीं चाहते। बीबीसी उर्दू सेवा के अनुसार 171 पाकिस्तानी हिंदुओं के एक समूह ने थार एक्सप्रेस से जोधपुर की यात्रा की। हालांकि ये लोग तीर्थयात्रा पर हैं लेकिन उनके नेता का कहना है कि वे पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगे।

हिंदुओं के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन ‘द समेनाथ लोक संगठन’ ने भारत सरकार से तीर्थया़त्रियों को शरणार्थी का दर्जा दिए जाने की अपील की है। पाकिस्तानी हिंदू तीर्थयात्रियों का स्वागत जोधपुर रेलवे स्टेशन पर संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया जिन्होंने उनके लिए रहने खाने का प्रबंध कर रखा था।

पाकिस्तानी हिंदुओं को भारत में पुन: बसाने के लिए काम कर रहे एसएलएस संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि 32 महिलाओं और बच्चों समेत 171 पाक हिंदू सिंध प्रांत के सांघर और हैदराबाद शहरों के रहने वाले हैं । वे भील जनजाति से ताल्लुक रखते हैं ।

‘सिंध में हिंदुओं की दयनीय हालत’ के बारे में शिकायत करते हुए एक पाक तीर्थयात्री ने बीबीसी उर्दू से कहा कि उनके पिता का हाल ही में देहांत हुआ लेकिन स्थानीय मुस्लिमों ने उन्हें उनका अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। हिंदू तीर्थयात्री ने कहा, हम पाकिस्तान में खतरनाक तरीके से बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं । हम पाकिस्तान जाने के बजाय यहां मर जाना अधिक पसंद करेंगे । एसएलएस के प्रवक्ता ने कहा कि जोधपुर पहुंचे पाकिस्तानी हताश दिख रहे थे ।

उन्होंने कहा, वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित दिख रहे थे क्योंकि यह दो देशों के बीच का मामला है । रिपोटरे में बताया गया है कि हिंदू , खासतौर से सिंध में रहने वाले हिंदू कई प्रकार के अत्याचार का शिकार हो रहे हैं जिनमें जबरन इस्लाम कुबूल करवाया जाना , फिरौती वसूलना और फिरौती के लिए अपहरण जैसी वारदातें शामिल हैं ।

पाकिस्तानी मीडिया में आयी रिपोर्ट में कहा गया है कि काफी बड़ी संख्या में हिंदू भारत में शरण लेने की योजना बना रहे हैं। दस अगस्त को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हिंदुओं पर अत्याचार के मामलों की जांच के लिए संसदीय समिति गठित की थी। सांसदों की इस समिति ने सिंध के विभिन्न शहरों का दौरा कर हिंदुओं से मुलाकात की थी।

अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में समिति ने कहा था कि हिंदू ने यह शिकायत दर्ज करायी है कि हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्मांतरण की घटनाओं ने असंतोष पैदा किया है और अल्पसंख्यक समुदाय में असुरक्षा की भावना है। (एजेंसी)

First Published: Monday, September 10, 2012, 15:35

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