Last Updated: Sunday, September 29, 2013, 10:43

न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बेहद महत्वपूर्ण वार्ता से पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि भारत के साथ शांति वार्ता शुरू करने के कारण ही उन्हें वर्ष 1999 में सैन्य तख्ता पलट के बाद सत्ता छोड़नी पड़ी थी। यहां पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए शरीफ ने यह टिप्पणी की। प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा के वाषिर्क सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए हुए हैं।
शरीफ ने कहा कि बतौर प्रधानमंत्री उनके पिछले कार्यकाल के दौरान सैन्य नेतृत्व ने उन्हें सत्ता से इसलिए हटा दिया क्योंकि उन्होंने भारत के साथ शांति और मित्रता की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने दर्शकों से सवाल किया, मैंने क्या गलती की थी? उन्होंने कहा कि वह भारत और अफगानिस्तान के साथ शांति को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के बाद शरीफ और तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ के बीच मतभेद होने के बाद जनरल ने सैन्य तख्ता पलट के माध्यम से शरीफ को पद से हटा दिया था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह मानते हैं कि यदि भारत और अफगानिस्तान में शांति है तो पाकिस्तान में भी शांति होगी।
ऐसा माना जा रहा है कि शरीफ ने पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा है कि उनकी सरकार भारत और अफगानिस्तान के साथ शांति और अहस्तक्षेप की नीति की पक्षधर है। शरीफ की पार्टी इस वर्ष मई में हुए आम चुनावों में भारी बहुमत से जीत कर सत्ता में आयी है। उन्होंने कहा कि साथ ही पाकिस्तान अपने पड़ोसियों से आशा करता है कि वे उसके मामलों में दखल न दें। शरीफ ने कहा, सिर्फ इसी स्थिति में क्षेत्र में दीर्घावधिक शांति और स्थिरता हासिल की जा सकती है। उन्होंने क्षेत्र में रक्षा मामलों पर खर्च को भी कम करने की बात कही। उनके अनुसार क्षेत्र में रक्षा मामलों पर बहुत ज्यादा खर्च होता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 29, 2013, 10:43