Last Updated: Saturday, February 11, 2012, 14:06
वाशिंगटन : भारत-अफगान सैन्य संबंधों को ऐतिहासिक करार देते हुए अफगानिस्तान के सेना प्रमुख जनरल शेर मोहम्मद करीमी ने कहा कि उनके संबंध किसी तीसरे देश को लेकर लक्षित नहीं है। जनरल करीमी ने कहा, ‘भारत के साथ हमारा कोई नया संबंध नहीं है। हमारे भारत के साथ ऐतिहासिक और मित्रतापूर्ण संबंध हैं और यह पहले से ही चले आ रहे हैं।’
अमेरिका आए अफगान जनरल ने कहा, ‘वास्तव में मेरी समझ में यह भागीदारी दोनों देशों के बीच 1955 में हुए इस तरह के पहले समझौते से ही चली आ रही है।’ उनसे हाल में भारत और अफगानिस्तान के बीच हुई समारिक भागीदारी के बारे में पूछा गया था। भारत पहला ऐसा देश है जिसके साथ अफगानिस्तान ने सामरिक भागीदारी करार पर हस्ताक्षर किया है। इस कदम का अमेरिका और पश्चिमी देशों ने स्वागत किया है लेकिन इससे पाकिस्तान की त्यौरियां चढ़ गई हैं।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के भारत के साथ द्वितीय विश्वयुद्ध से भी पहले से संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे याद पड़ता है कि 1930 के दशक में भारत में कमांडरों का प्रशिक्षण हुआ था। विमान चालकों का भारत में प्रशिक्षण हुआ था।’ करीमी ने कहा, ‘मेरी राय में इसमें कुछ भी नया नहीं है। कुछ लोगों को लगता है कि भारत और अफगानिस्तान के बीच किसी तरह का गठबंधन है। नहीं। कुछ पड़ोसियों को ऐसा लगता है। लेकिन यह सत्य नहीं है।’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, February 11, 2012, 20:36