Last Updated: Thursday, May 9, 2013, 17:39
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के बड़े राजनैतिक दलों ने भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम करने का प्रण लिया है। उन्होंने भारत के साथ आर्थिक संबंधों पर जोर देने के साथ-साथ काफी समय से लंबित कश्मीर विवाद को भी बातचीत के जरिए सुलझाने का संकल्प लिया।
11 मई के आम चुनावों में एकमात्र बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की संभावना रखने वाली पीएमएल-एन ने अपने घोषणापत्र में वादा किया कि ‘देश के भीतर युद्ध जैसी स्थिति और बाहरी देशों से कटे होने की इस स्थिति’ में वह पाकिस्तान की सुरक्षा और विदेश नीतियों की समग्र समीक्षा करेगी।
पीएमएल-एन भारत जैसे पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सामान्य करने को अपनी नई रणनीति के अहम बिंदु के रूप में देखता है। पार्टी का घोषणा पत्र कहता है, ‘हम सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण तरीकों से अच्छे और सहयोगी संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से उन देशों के साथ संबंधों को सामान्य करने की नीति अपनाएंगे, जिनके साथ हमारे मतभेद हैं।’
पीएमएल-एन ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और 1999 लाहौर समझौते के अनुरूप कश्मीर मसले को हल करने के लिए ‘विशेष प्रयास’ करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली इस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में आतंकवाद से जुड़ी भारत की चिंताओं का भी जिक्र कर दिया। घोषणा पत्र में कहा गया कि ‘गैर सरकारी तत्व’ पाकिस्तान का इस्तेमाल ‘अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए एक शरणस्थली’ के रूप में कर रहे हैं।
पीएमएल-एन एकमात्र ऐसी राजनैतिक पार्टी है जिसने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के संदर्भ में ‘जल प्रबंधन’ का वर्णन अपने घोषणापत्र में किया है। इसमें कहा गया है कि नदियों के पानी का सही इस्तेमाल ‘आवश्यकता और महत्व’ के अनुरूप होगा। हाल के कुछ वर्षों में पानी के बंटवारे पर मतभेद भारत और पाकिस्तान के बीच तकरार पैदा करने का अहम कारण रहे हैं। इस्लामाबाद ने जम्मू और कश्मीर में नयी दिल्ली की कई जल परियोजनाओं का विरोध किया है। उसका दावा है कि ये परियोजनाएं सिंधु जल संधि का उल्लंघन हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और गठबंधन में उसके पूर्व सहयोगी-आवामी नेशनल पार्टी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट ने भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए पिछले पांच साल में किए गए कामों को जारी रखने का संकल्प लिया था। घोषणापत्र में कहा गया, ‘हमारा मानना है कि कई चुनौतियों का सामना कर रहे क्षेत्र में स्थिरता लाने व विश्वास बहाल करने के लिए सभी पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक, आर्थिक और सुरक्षात्मक संबंध जरूरी हैं। अपने इस विश्वास के अनुरूप हम अफगानिस्तान, भारत, ईरान और चीन के साथ कूटनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने की योजना पर दृढ़ रहेंगे।’
एएनपी के घोषणापत्र के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत एक अहम भूमिका निभाता है और यह पाकिस्तान के लिए फायदेमंद हो सकता है। इस घोषणापत्र में कहा गया, ‘भारत के साथ शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसियों जैसे संबंध स्थापित करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी।’ एमक्यूएम ने भारत जैसे देशों के साथ ‘नजदीकी, दोस्ताना और सम्मानपूर्ण संबंधों’ के लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति की जरूरत बताई। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने मजबूत सुरक्षा व्यवस्था को अहम स्थान देते हुए कश्मीर विवाद को पाकिस्तान के राष्ट्रीय हित का मूल मसला बताया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 9, 2013, 17:39