Last Updated: Monday, December 31, 2012, 16:26

न्यूयार्क : एक भारतीय व्यक्ति की हत्या की आरोपी न्यूयार्क की 31 वर्षीय महिला के मनोवैज्ञानिक परीक्षण का आदेश दिया गया है। इस महिला ने मामले की सुनवाई के दौरान हंसते हुए न्यायाधीश से कहा कि उसने सोचा था कि पीड़ित को ट्रेन के आगे धक्का देना ‘अच्छा’ रहेगा।
क्वीन्स में 27 दिसंबर को एक सबवे स्टेशन पर ट्रेन के आगे 46 वर्षीय सुनन्दो सेन को धक्का देने पर इरिका मेनेंडेज पर घृणा अपराध के कारण हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
छपाई और प्रतिलिपि का कारोबार करने वाले सुनन्दो का सोमवार को उनके मित्रों द्वारा अंतिम संस्कार किया जाएगा क्योंकि पता चला है कि भारत में उनका कोई परिवार नहीं है।
कोलकाता के रहने वाले सुनन्दो क्वींस में एक छोटे से मकान में अपने साथियों के साथ रहते थे और उनका विवाह नहीं हुआ था। मेनेंडेज ने अदालत की सुनवाई के दौरान अपने कृत्यों पर कोई पछतावा नहीं जताया।
क्वींस डिस्ट्रिक्ट अटार्नी कार्यालय के अनुसार, मेनेंडेज सुनवाई के दौरान जोर से हंसी और मुस्कराती रहीं और उन्होंने अभियोजकों से कहा कि उसने बिना कारण ही ट्रेन की पटरियों पर सुनन्दो को धक्का दिया।
सुनवाई के दौरान मेनेंडेज के हवाल से सहायक डिस्ट्रिक्ट अटार्नी माइकल कासजुबा ने कहा, ‘मैंने एक मुस्लिम को धक्का दिया।’
मेनेंडेज के हवाले से कासजुबा ने कहा,‘इसका कोई कारण नहीं है। मैंने उसे ट्रेन के आगे इसलिए धक्का दिया क्योंकि मुझे लगा कि यह अच्छा रहेगा। मैंने उसे धक्का दिया क्योंकि वह मुस्लिम था।’
यह पूछे जाने पर कि क्या मेनेंडेज को अपराध का कोई पछतावा है, कासजुबा ने कहा कि उसने अधिकारियों से कहा,‘नहीं, मैं किसी बात का पछतावा नहीं जताना चाहती।’ सुनवाई के दौरान मेनेंडेज के व्यवहार से न्यायाधीश जिया मोरिस ने नाराजगी जताते हुए महिला के बचाव पक्ष के वकील डीट्रिच इप्परसन से कहा, ‘आप अपने मुवक्किल से कहिए कि यह मजाक नहीं है। आप अपने मुवक्किल की हंसी बंद करवाइए। यह सही नहीं है।’
इप्परसन ने न्यायाधीश से कहा कि मेनेंडेज गिरफ्तारी के बाद से ही इस तरह का व्यवहार कर रही है।
मोरिस ने कहा कि मेनेंडेज को जमानत दिए बगैर हिरासत में रखा जाए और 14 जनवरी को अदालत की अगली सुनवाई से पहले उसका मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया जाए। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 31, 2012, 16:26