भारतीय सियासत `पंक` में सने 4 अमेरिकी सांसद

भारतीय सियासत `पंक` में सने 4 अमेरिकी सांसद

न्यूयार्क: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाली अमेरिकी टीम में शामिल सांसद भारतीय राजनीतिक `गंदगी` में सन गए हैं। इस विवाद से मुक्ति पाने में उन्हें शायद बहुत समय नहीं लगे, लेकिन निश्चित रूप से यह चूक मानी जाएगी।

शिकागो स्थित दक्षिण एशियाई साप्ताहिक समाचार पत्र `ही इंडिया` के प्रकाशक हेमंत ब्रह्मभट्ट और संपादक अशोक ईश्वरन चार रिपब्लिकन सांसद और व्यापार जगत के लोगों की भारत यात्रा के बारे में खुलासा करने के लिए धन्यवाद के पात्र हैं।

भारत यात्रा पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के चार सदस्य एरोन स्चोक, मार्लिन स्टट्जमैन, सिंथिया लुम्मिस और कैथी एम रोजर्स के अलावा व्यापार जगत के कई लोग शामिल थे, जिन्होंने मोदी से मुलाकात की। इस यात्रा के संबंध में `ही इंडिया` ने जो ब्यौरा दिया है, उसके अनुसार, यात्रा आयोजक ने शामिल प्रतिभागियों के एवज में 3000 से 16000 डॉलर वसूले।

इस दौरे को पोलिटिकल एक्शन कमेटी (पीएसी), शिकागो के कारोबारी शलभ कुमार द्वारा स्थापित नेशनल इंडियन अमेरिकन पब्लिक पॉलिसी इंस्टीच्यूट (एनआईएपीपीआई) ने प्रायोजित किया था। दौरे की तैयारी के संबंध में एनआईएपीपीआई द्वारा बांटे गए एक आमंत्रण पत्र में कहा गया था "विशिष्ट अमेरिकी व्यापारी समूह के लिए सीमित।"

यह दल अहमदाबाद में मोदी से मुलाकात कर चुका है और उन्हें अमेरिका आने का न्यौता दिया है। इस दौरे के विस्तृत कार्यक्रम के मुताबिक, उदयपुर के लेक पैलेस में ठहरने, राजकीय अतिथि के रूप में कर्नाटक की यात्रा, ताजमहल की यात्रा, रणथंभौर के बाघ अभयारण्य का भ्रमण, जयपुर स्थित रामबाग पैलेस में रात्रि विश्राम, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की यात्रा और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की ओर से भोज आदि की पेशकश को अतिथियों के लिए शामिल किया गया है।

आमंत्रण पत्र में दिए गए खर्च विकल्प के अनुसार 7 स्टार ट्रिप (बिजनेस क्लास में यात्रा, भारत में निजी विमान किराया) के लिए 16000 डॉलर प्रति व्यक्ति, 4 स्टार ट्रिप (भारत में कामर्शियल यात्रा, पैलेस में जाना शामिल नहीं) के लिए प्रति व्यक्ति 10,000 डॉलर और इकोनॉमी विकल्प, जिसमें सभी यात्रा और होटल खर्च व्यक्ति को स्वयं वहन करना होगा, के लिए 3000 डॉलर प्रति व्यक्ति खर्च बताया गया था।

`ही इंडिया` की स्टोरी को लेकर भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा हुआ और कांग्रेस ने आनन-फानन में इसे लेकर संदेह जता दिया। कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि यह शर्मनाक है कि अमेरिकी सांसदों पर वीजा और मोदी के विकास के लिए प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए पैसे खर्च किए गए।

उन्होंने कहा, "कोई भी इस प्रकार की खबर पर शर्म महसूस करेगा। यह देश का अपमान है। प्रत्येक सांसदों को नौ-नौ लाख रुपये (अनुमानत: 16000 डॉलर) दिए गए, ताकि वे उन्हें (मोदी) वीजा और विकास का प्रमाणपत्र दिला सकें।"

अमेरिकी सांसदों की इस यात्रा की मंजूरी वहां के सदन की एक समिति ने दी है। सभी तथ्यों की पड़ताल करने के बाद ही समिति मंजूरी देती है। इसके अलावा प्रायोजक संस्था का भी कहना है कि सदन की इथिक्स कमेटी सांसदों की विदेश यात्रा की मंजूरी या नामंजूरी देती है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 1, 2013, 10:43

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