Last Updated: Monday, April 29, 2013, 00:35

बीजिंग : देपसांग घाटी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीन की सेना) के घुसपैठ पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणियों पर गौर करते हुए चीन ने आज कहा कि वह मतभेदों को दूर करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है और साथ ही सीमाओं पर शांति बनाए रखने और सामरिक सहयोगी संबंधों को जोड़ने के पक्ष में है।
चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘हमने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर गौर किया है।’ बयान में कहा गया है, ‘दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा के पश्चिमी सेक्शन के एक हिस्से मे हुई घटना के समाधान के लिए बातचीत की प्रक्रिया में हैं। यह बातचीत सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय के लिए बनाए गए कार्यशील तंत्र, सीमा बैठकों एवं राजनयिक माध्यम से की जा रही है।’ बयान के मुताबिक, यह बातें मनमोहन सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछने पर कही गईं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि लद्दाख की देपसांग घाटी में चीनी सेना की घुसपैठ के मुद्दे को बातचीत से हल किया जा सकता है।
मनमोहन सिंह ने शनिवार को नई दिल्ली में मीडिया से कहा था कि लद्दाख में चीनी घुसपैठ के मद्देनजर भारत इस मुद्दे पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहता है और वह उसे सुलझाने की योजना पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘हमारे पास योजना है। हम इस परिस्थिति पर जोर नहीं देना चाहते। हमें विश्वास है कि इस समस्या का समाधान संभव है। यह एक स्थानीय समस्या है। मुझे लगता है कि बातचीत चल रही है।’ चीन ने इस बात से इंकार किया है कि लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी (डीओबी) में पीएलए द्वारा शिविर लगाया जाना नियंत्रण रेखा का उल्लंघन है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 28, 2013, 22:18