Last Updated: Thursday, May 16, 2013, 16:11

बीजिंग: चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग की भारत यात्रा से पहले चीन ने लद्दाख में हाल ही में हुए सीमा विवाद को दरकिनार करते हुए गुरुवार को कहा कि दोनों पक्षों के पास ऐसे मसलों का प्रभाव आपसी संबंधों पर पड़ने से रोकने की क्षमता है।
चीन के उप विदेश मंत्री सोंग ताओ ने कहा , ‘भारत और चीन के बीच सीमा से जुड़े सवालों समेत कई ऐतिहासिक मसले हैं। दोनों देशों और उनके नेताओं की आपसी सहमति है कि आपसी मतभेदों की तुलना में हमारे आपसी हित ज्यादा हैं। हमारे बीच स्पर्धा से ज्यादा सहयोग है।’ ली की तीन दिवसीय यात्रा के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पुरानी सभ्यताएं और उभरते बाजार होने के अलावा दोनों देशों के पास ‘अपने मतभेदों को सही ढंग से निपटाने की समझदारी और क्षमता है।’ नई दिल्ली और मुंबई के लिए ली की यात्रा 19 मई से शुरू हो रही है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमारे पास यह योग्यता है कि हम इन मतभेदों का असर अपने रिश्तों के विकास पर पड़ने से रोक सकें।’
उन्होंने कहा, ‘दोनों देश सीमा मुद्दे का हल जल्द ही निकालने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयास से इस मामले के संदर्भ में हमने सकारात्मक प्रगति की है।’ चीन के नए प्रधानमंत्री ने अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना है। इसके बाद वे पाकिस्तान, स्विट्जरलैंड और जर्मनी भी जाएंगे।
सोंग ने कहा कि ली द्वारा यात्रा के लिए भारत को पहली विदेश यात्रा के लिए चुनना यह दर्शाता है कि नई सरकार के लिए चीन-भारत संबंध कितना महत्व रखते हैं।
नई दिल्ली में ली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से द्विपक्षीय संबंधों और पारस्परिक हितों के मसलों पर बातचीत करेंगे। ली राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात करेंगे। सोंग ने कहा कि ली भारत-चीन संबंधों पर एक भाषण भी देंगे। वे चीन-भारत उद्योग की बैठक को भी संबोधित करेंगे ।
ज्यादा विस्तृत जानकारी दिए बिना उन्होंने कहा कि दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर भी हस्ताक्षर करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 16, 2013, 16:11