Last Updated: Sunday, October 21, 2012, 18:13

लंदन : तालिबान हमले की शिकार मलाला यूसुफजई के लिए मुस्लिम, सिख, हिन्दू और ईसाई समुदाय के करीब 200 लोगों ने ब्रिटेन के अस्पताल के बाहर शनिवार को प्रार्थना सभा की।
कल 14 वर्षीय मलाला के बारे में डॉक्टरों ने कहा था कि उनकी हालत स्थिर और सामान्य है तथा वह बेहतर प्रतिक्रिया दे रही हैं ।
‘द सन’ की खबर के अनुसार, बर्मिंघम स्थित क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल के बाहर आयोजित इस सभा में पाषर्दों, धार्मिक नेताओं और महिला अधिकार समूह के लोगों ने अपने-अपने विचार रखे।
इस सभा का आयोजन करने में मदद करने वाले पाषर्द वसीम जाफर का कहना है, मलाला एक प्रेरणा है और हम आशा करते हैं कि वह लैंगिक असमानता के खिलाफ लड़ने में युवा लड़कियों के लिए सकारात्मक आदर्श बनेंगी।
मुस्लिम, सिख, हिन्दू और ईसाई समुदाय के लोगों ने अस्पताल के बाहर जमा होकर मलाला के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना की ।
मलाला अभी भी बोल नहीं पा रही हैं क्योंकि ट्रैकोस्टोमी के बाद वह गले में छेद करके लगाई गई नली के सहारे सांस ले रही हैं। वह सिर्फ लिख कर बात कर पा रही हैं। उनके गले में लगी पाइप को कुछ दिनों में निकाल दिया जाएगा जिसके बाद वह बात कर सकेंगी।
शुक्रवार को बातचीत में मलाला ने पूछा, ‘मैं किस देश में हूं ?’ और अस्पताल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वह सहारा लेकर खड़ी हो पा रही हैं। मलाला के समर्थन में अस्पताल में हजारों की संख्या में संदेश आ रहे हैं और महिला अधिकार समूह उनके जल्दी स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना कर रही हैं।
पाकिस्तान की स्वात घाटी में स्कूल से लौटते वक्त तालिबान ने मलाला पर हमला किया था। इस हमले में उनकी दो सहेलियां भी घायल हुई हैं।
अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए तालिबान ने उनपर हमला किया था। रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में इलाज के बाद मलाला को बेहतर और आगे के इलाज के लिए मलाला को 15 अक्तूबर को हवाई एंबुलेंस से ब्रिटेन लाया गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 21, 2012, 18:13