Last Updated: Friday, October 12, 2012, 15:11

लाहौर : पाकिस्तान में महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली किशोरी मलाला यूसुफजई की हत्या के प्रयास को ‘गैर इस्लामी’ करार देते हुए 50 से अधिक सुन्नी मौलवियों ने फतवा जारी किया है। पाकिस्तानी धर्म गुरुओं ने यहां जारी फतवे में देश के लोगों से अपील की है कि वे रावलपिंडी के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती 14 वर्षीय मलाला के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए शुक्रवार के दिन को ‘निन्दा दिवस’ के रूप में मनाएं।
मलाला के सिर में गोली मार दी गई थी। पूर्व में आतंकियों का गढ़ माने जाने वाली स्वात घाटी में मलाला पर मंगलवार को हुए हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली थी । तालिबान ने कहा था कि मलाला पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि वह ‘पश्चिमी’ विचारों और धर्म निरपेक्ष सरकार का समर्थन कर रही थी। आतंकी संगठन ने कहा है कि यदि वह बच जाती है तो उस पर फिर हमला किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 12, 2012, 15:11