Last Updated: Wednesday, October 10, 2012, 22:51

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में चिकित्सकों के एक समूह ने तीन घंटे की सर्जरी के बाद तालिबान हमले में घायल 14 वर्षीय पाकिस्तानी लड़की मलाला यूसुफजई के रीढ़ की हड्डी के पास लगी गोली को सफलतापूर्वक निकाल दिया है जबकि इस घटना को लेकर पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है जबकि सेना प्रमुख ने ‘इस तरह की क्रूर मानसिकता’ के समर्थक लोगों के खिलाफ लड़ाई की जरूरत पर बल दिया है।
अधिकारियों ने कहा कि पेशावर स्थित लेडी रीडिंग अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख मुमताज खान के नेतृत्व में चिकित्सकों के दल ने गोली निकालने के लिये सेना अस्पताल में रात्रि दो बजे से पांच बजे भोर तक सर्जरी की। खान ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें मलाला के स्वस्थ होने की उम्मीद है। तालिबान उग्रवादियों ने कल मलाला के उपर हमला कर दिया था । अधिकारियों ने बताया कि मलाला के सिर में सूजन को कम करने के लिए भी चिकित्सकों ने उपचार किया। भले ही गोली निकाल ली गई। सर्जरी के दौरान काफी खून बहा है और मलाला की स्थिति अभी पूरी तरह स्थिर नहीं है
मलाला के चाचा अहमद शाह ने पेशावर में संवाददाताओं से कहा कि कल देर रात सेना के अस्पताल में सर्जरी हुई और गोली को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है । उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने मलाला को उपचार के लिए पाकिस्तान के बाहर नहीं ले जाने की सलाह दी है। चिकित्सकों ने कहा कि इस स्थिति में यात्रा करना उसके लिए ठीक नहीं है। उसे पाकिस्तान का पहला राष्ट्रीय शांति युवा पुरस्कार हासिल हुआ था।
चिकित्सकों ने कहा कि अगले दस दिन उसके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। मलाला इस समय पेशावर स्थित सैन्य अस्पताल में सघन चिकित्सा कक्ष में है। पूरे पाकिस्तान में स्थानीय तालिबान उग्रवादियों द्वारा किशोर मानवाधिकार कार्यकर्ता की हत्या के प्रयास पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है जबकि विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि इसे देश के लिये ‘चेतावनी’ के रूप में देखना चाहिये। पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने कहा कि मलाला उन मूल्यों का प्रतीक बन गई है जिसकी भविष्य की पीढियों के लिए संरक्षण करने के उद्देश्य से देश के साथ सेना संघर्ष कर रही है।
कयानी ने कहा कि यह इस्लामी समाज का आंतरिक मूल्य है जो व्यक्ति के स्वतंत्रता, न्याय और समानता के सिद्धांत पर आधारित है। कयानी ने पेशावर में सैन्य अस्पताल का दौरा किया और 14 वर्षीय स्कूली छात्रा से मुलाकात की। उन्होंने इस अवसर पर उग्रवादियों को संदेश दिया कि मलाला जैसी घटना ने स्पष्ट रूप से ‘देश के द्वारा सामना की जा रही उग्रवादी मानसिकता को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों ने लोगों के ‘निश्चय और लचीलेपन’ को कम करके आंका है।
उन्होंने कहा, यह समय हमारे और ज्यादा एकजुट होने तथा इस तरह की पशुवत मानसिकता के प्रचारकों और समर्थकों से संघर्ष के लिये उठ खड़े होने का है। इस्लामाबाद में कौमी असेंबली या संसद के निचले सदन ने मलाला पर हुये हमले पर चर्चा के लिये अपना सामान्य कार्य निलंबित कर दिया। चर्चा के दौरान महौल बहुत भावुक हो गया और विदेश मंत्री हिना ने इस हमले को पाकिस्तान के लिये चेतावनी करार दिया। हिना ने कहा, देश के लिये यह चेतावनी है। यह हमसे मांग करता है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर उठ खड़े हो।
हिना ने उन लोगों की निंदा की जो इसको न्यायोचित ठहराने का प्रयास कर रहे हैं। स्वात में तालिबान की ज्यादातियों के खिलाफ साहसिक अभियान चलाने वाली चौदह वर्षीय मलाला यूसुफजई प्रथम राष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। मलाला को कल तालिबानी आतंकवादियों ने मिंगोरा में स्कूल बस के अंदर दो गोलियां मारी थीं । मिंगोरा इस्लामाबाद से 160 किलोमीटर दूर स्वात घाटी में है।
पूरे देश में बच्चों और आम आदमी ने मलाला के शीघ्र स्वस्थ होने के लिये विशेष प्रार्थना की। इस हमले के विरोध में स्वात में सभी निजी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। यहां पर वर्ष 2009 में तालिबान का सफाया करने के लिये सेना ने अभियान चलाया था। पाकिस्तान के अखबारों ने भी लोगों के गुस्से को व्यक्त किया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 10, 2012, 22:51