Last Updated: Monday, October 15, 2012, 11:55

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में बालिका शिक्षा के लिए आवाज बुलंद करने वाली और पिछले सप्ताह तालिबान के जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल हुई किशोरी मलाला यूसुफजई को आज इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया है। डाक्टरों ने कहा है कि उसे लंबे समय तक इलाज की जरूरत है जिसमें उसकी खोपड़ी की क्षतिग्रस्त हड्डियों को जोड़ा जाना भी शामिल है। 14 वर्षीय मलाला को आज सुबह संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उपलब्ध करायी गयी हवाई एम्बुलेंस से ब्रिटेन ले जाया गया है।
वह गुरूवार से रावलपिंडी में आम्र्ड फोर्सेज इंस्टीट्यूट आफ कार्डियोलोजी के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती थी। मलाला का उपचार कर रहे सिविल और सैन्य डाक्टरों के एक बोर्ड ने मलाला को इलाज के लिए पाकिस्तान से बाहर भेजे जाने का फैसला किया। एक सैन्य प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। उसे एक ब्रिटिश चिकित्सा केंद्र ले जाया जा रहा है जहां बच्ची को एक साथ सभी प्रकार की आधुनिक चिकित्सा मिल सकेगी।
प्रवक्ता ने बताया, पाकिस्तानी डाक्टरों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक पैनल ने इस बात पर सहमति जतायी कि मलाला को हमले के सदमे से मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह उबरने के लिए लंबे समय तक चिकित्सा सेवा की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा, ऐसी उम्मीद है कि निकट भविष्य में उसकी खोपड़ी की क्षतिग्रस्त हड्डियों को जोड़े जाने या उसके प्रत्यार्पण की जरूरत होगी । इसके अलावा उसे दीर्घकालिक स्नायु चिकित्सा भी उपलब्ध करानी होगी। प्रवक्ता ने बताया कि मलाला को इलाज के लिए विदेश भेजे जाने का फैसला उसके परिवार से सलाह मशविरा करने के बाद लिया गया है तथा सरकार उसके विदेश में इलाज पर आने वाला सारा खर्च वहन करेगी।
पाकिस्तानी सेना के एक आईसीयू विशेषज्ञ भी हवाई एम्बुलेंस में मलाला के साथ गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि डाक्टरों के पैनल का मानना था कि यदि मलाला को इलाज के लिए विदेश भेजना है तो यह समय सही है जब उसकी हालत संतोषजनक है तथा कोई नयी जटिलता पैदा होने से पूर्व उसे भेजा जाना चाहिए।
इससे पूर्व, आज सुबह संयुक्त अरब अमीरात के शाही परिवार द्वारा उपलब्ध करायी गयी हवाई एम्बुलेंस रावलपिंडी में उतरी। उसे चकलाला सैन्य हवाई अड्डे पर रखा गया था जो आम्र्ड फोर्सेज इंस्टीट्यूट आफ कार्डियोलोजी से कुछ ही फर्लांग की दूरी पर है। मलाला का इलाज कर रहे डाक्टरों ने कल कहा था कि उसकी हालत स्थिर है और उसमें धीरे धीरे संतोषजनक तरीके से सुधार हो रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि उसे कल थोड़ी देर के लिए जीवन रक्षक उपकरणों से हटाया गया लेकिन थकान से बचाने के लिए उसे फिर से वेंटिलेटर पर रख दिया गया। मलाला को गुरूवार को रावलपिंडी में आम्र्ड फोर्सेज इंस्टीट्यूट आफ कार्डियोलोजी में लाए जाने के बाद से ही वेंटिलेटर पर रखा गया था। इससे पूर्व पेशावर में डाक्टरों ने उसकी रीढ़ की हड्डी के समीप धंसी गोली को निकाला था। उसके सिर और गर्दन में गोली लगी थी। सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि पेशावर में की गयी न्यूरो सर्जरी ने उसकी जान बचायी। उन्होंने बताया कि इसके बाद रावलपिंडी के अस्पताल में उसे दी गयी विशेष चिकित्सा से उसकी हालत स्थिर हुई।
गौरतलब है कि प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने मलाला पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है । उसका कहना है कि मलाला को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह पश्चिमी विचारों और धर्मनिरपेक्ष सरकार का समर्थन कर रही थी। इस नन्हीं बच्ची पर हमले की दुनियाभर में निंदा हुई है और दुनिया के विभिन्न देशों में लोग उसकी हालत को लेकर चिंतित हैं।
पाकिस्तानी प्रशासन ने मलाला के हमलावरों की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को एक करोड़ रूपये का ईनाम दिए जाने का ऐलान किया है । पाकिस्तानभर में लोग मलाला की सलामती के लिए दुआएं मांग रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 15, 2012, 09:55