मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तारी का डर - Zee News हिंदी

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तारी का डर



माले : मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा है कि उन्हें तख्तापलट के जरिए पद से हटाया गया और अब उन्हें अपनी जान पर खतरे का डर है। वहीं, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के खिलाफ गुरुवार को देश की एक अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके बाद, नशीद को अपनी गिरफ्तारी का डर भी है।

 

मालदीव में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति नशीद ने यहां अपने आवास पर बताया कि उन्हें हिरासत में लेने का अदालती आदेश जारी हुआ है और उन्हें आशंका है कि उन्हें जेल भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मेरी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। मैं जेल में शेष जीवन बिताने वाला पहला पूर्व राष्ट्रपति होउंगा। मुझे आशा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात को ध्‍यान में रखेगा और अभी कुछ करेगा।

 

नशीद और उनके परिजन जहां इस खतरे से परेशान हैं, वहीं देश में कल रात भी हिंसक घटना के बाद पुलिस और सेना स्थिति पर नियंत्रण के लिए जूझ रहे हैं। राष्ट्रपति के एक सहयोगी ने स्थिति को ‘अराजक’ करार दिया है। मालदीव के पुलिस आयुक्त अब्दुल्ला रियास ने बताया कि देश में 18 थानों पर हमले हुए और कई अदालतों और इमारतों को लूटा गया तथा आग के हवाले कर दिया गया ।

 

नव निर्वाचित गृह मंत्री मोहम्मद जमील अहमद ने कहा कि जो कुछ हुआ वह शर्मनाक है और मालदीव के आधुनिक इतिहास का यह दुखद दिन है। हिंसा कल तब शुरू हुई जब नशीद के हजारों समर्थक राजधानी माले में एकत्रित हुए और उनकी पुलिस से झडप हुई। नशीद को पीटा गया और कुछ समय के लिये हिरासत में रखा गया। दंगों से पर्यटन पर असर पड़ने का खतरा पैदा हो गया है। इस बीच, नए राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को देश में कानून व्यवस्था कायम करने में काफी दिक्कत पेश आ रही है। दूसरे बड़े शहर आदू के मेयर अब्दुल्ला सोदिग ने फोन पर बताया कि कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। वहीद ने गृह और रक्षा मंत्री नियुक्त किए हैं और स्थिति पर नियंत्रण में मदद के लिए सैनिक आदू और अन्य प्रमुख शहरों में भेजे हैं।

 

मालदीवियन नेशनल डिफेन्स फोर्सेस के महा निदेशक अहमद सियम ने बताया कि देश के दक्षिण भाग (आदू) में भारी झड़प हुई है, जिसके बाद वहां सैनिक रवाना किए हैं। वहां स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।

 

नशीद का कहना है कि उन्होंने अपनी पत्नी और दो बेटियों को पड़ोसी देश श्रीलंका भेज दिया है। एक संवाददाता सम्मेलन में नशीद के इस्तीफे के ऐलान के चंद घंटे बाद मंगलवार को वहीद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली थी। बाद में उन्होंने कहा कि उन्हें सशस्त्र विद्रोहियों ने पद से हटने की धमकी दी और यह सब वहीद की जानकारी में विपक्षी नेताओं के समर्थन से हुआ।

 

वाशिंगटन में विदेश विभाग ने शांति की अपील करते हुए कहा कि एक अमेरिकी दूत शनिवार को मालदीव जाएगा। उसने हालांकि घटना को तख्तापलट नहीं बताया जिसके कारण माले को सभी तरह की आर्थिक मदद बंद हो जाती। न्यूयार्क टाइम्स में नशीद के हवाले से कहा गया कि तख्तापलट किया गया और देश 2008 की स्थिति से पूर्व के ‘तानाशाही ’ युग की ओर लौट रहा है। वहीद और सेना ने तख्तापलट की बात का लगातार खंडन किया है, लेकिन एक सैन्य प्रवक्ता ने स्वीकार किया उन्हें (नशीद) पद छोडने की सलाह दी गई थी। नशीद पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गयूम के 30 साल के निरंकुश शासन के बाद सत्ता में आए थे।

 

उधर, मालदीव में मोहम्मद नशीद के राष्ट्रपति पद से अपदस्थ होने के बाद भड़की हिंसा को 'अनुचित तथा दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए भारत में मालदीव के उच्चायुक्त अब्दुल अजीज यूसुफ ने गुरुवार को कहा कि उन्हें पूर्व राष्ट्रपति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एक टीवी चैनल से बातचीत में यूसुफ ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने बुधवार को रैली निकाली थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उसके बाद मैंने उनके बारे में कुछ नहीं सुना। उन्होंने कहा कि नशीद के अपदस्थ होने के बाद जो हिंसा भड़की वह अनुचित व दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन देश में इससे निपटने की क्षमता है। यूसुफ ने कहा कि मैं घटना के बारे में कोई नतीजा नहीं निकाल सकता, क्योंकि यह एक कानूनी प्रक्रिया है। हमलोग कानून का पालन करने वाले हैं। जो कुछ भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसकी हमने अपेक्षा नहीं की थी।

 

(एजेंसी)

First Published: Friday, February 10, 2012, 11:49

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