Last Updated: Friday, February 17, 2012, 07:40
माले : मालदीव की नई सरकार जल्द राष्ट्रपति चुनाव कराने के लिए गुरुवार को सहमत हो गई। इसे मौजूदा राजनीतिक संकट के समाधान की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद द्वारा सात फरवरी को इस्तीफा दिए जाने के बाद से ही मालदीव में राजनीतिक संकट व्याप्त है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मालदीव की नई सरकार ने कहा है कि सभी सम्बद्ध दलों और नेताओं के लिए अवसर है कि वे मालदीव में सभी के लिए स्थिरता व सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए तथा लोकतांत्रिक सुधारों की प्रक्रिया अनवरत बनाए रखने के लिए एकजुट हों।
सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, नई सरकार जल्द चुनाव कराने के लिए सभी सम्बद्ध पक्षों से बातचीत करेगी। सरकार ऐसा वातावरण बनाने के लिए काम करेगी जिससे जल्द चुनाव सम्भव हो सके। इसके लिए सरकार संविधान में आवश्यक संशोधन भी कर सकती है।
सरकार उचित, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बहुदलीय चुनाव के लिए, सभी दलों को प्रतिस्पर्धा का समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए वातावरण तैयार करेगी।
सरकार ने प्रस्ताव किया है कि सभी पक्ष यह सुनिश्चित कराएंगे कि शांति का वातावरण कायम हो ताकि सम्बद्ध पक्षों के बीच आगे की बातचीत सुनिश्चित हो सके। सभी नेता अपने समर्थकों से संवाद के जरिए और शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कहेंगे।
इसके पहले, भारत कूटनीतिक जीत हासिल करते हुए मालदीव में राजनीतिक समझौता कराने में सफल हो गया। सभी राजनीतिक दल मालदीव में यथासम्भव जल्द से जल्द चुनाव कराने, राजनीतिक सुलह का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सहमत हो गए।
यह सफलता तब हाथ लगी है, जब विदेश सचिव रंजन मथाई मालदीव पहुंचे और उन्होंने अपदस्थ राष्ट्रति मोहम्मद नशीद और मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद हसन सहित प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के साथ बातचीत की।
मथाई ने प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के अब्दुल्ला यमीन, डिवेही रेयिथुंगे पार्टी (डीआरपी) के थासमीन अली, मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और पीपुल्स मजलिस के स्पीकर से भी मुलाकात की। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 17, 2012, 13:40