Last Updated: Thursday, February 14, 2013, 20:46

माले : मालदीव ने भारत पर उसकी लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि नयी दिल्ली ने द्विपक्षीय बातचीत का विकल्प चुनने की बजाय पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के गिरफ्तारी वारंट पर सार्वजनिक टिप्पणी करने का फैसला किया।
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कल रात जारी एक वकतव्य में कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने दोनों सरकारों के बीच द्विपक्षीय बातचीत का विकल्प चुनने की बजाय आज की घटना पर सार्वजनिक टिप्पणी करने का फैसला किया है।’ उसने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने सितंबर 2013 में मालदीव में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में किस तरह के उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं इसपर टिप्पणी करने का फैसला किया है।’
45 वर्षीय नशीद ने अपने राष्ट्रपति काल के दौरान पिछले साल जनवरी में एक फौजदारी अदालत के मुख्य न्यायाधीश को हिरासत में लेने से संबंधित मामले में एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट से बचने के लिए कल भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी।
सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में नशीद के उम्मीदवार होने पर गौर करते हुए भारत ने कल एक वक्तव्य में कहा था कि यह जरूरी है कि मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बिना किसी बाधा के चुनाव में हिस्सा लेने को स्वतंत्र हों। इसका जवाब देते हुए मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि स्वतंत्र चुनाव आयोग ने फिलहाल चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 14, 2013, 20:46