Last Updated: Wednesday, February 29, 2012, 15:34
माले\नई दिल्ली : मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने संबंधी आरोपों के बीच भारत ने बुधवार को साफ किया कि वह केवल मध्यस्थ है और राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद हसन के आग्रह पर यह भूमिका निभा रहा है।
कल यहां पहुंचे विदेश सचिव रंजन मथाई ने कल रात सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। ऐसा कहा जा रहा है कि मथाई ने इस दौरान एक पत्र पेश किया जिसमें इस साल के अंत से पहले राष्ट्रपति चुनाव के संकेत थे।
मथाई द्वारा पेश इस पत्र में एक महीने के भीतर संविधान संशोधन की मांग की गई ताकि इस साल दिसंबर से पहले राष्ट्रपति चुनाव का रास्ता साफ हो।
मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि कुछ राजनीतिक दलों ने इस बैठक में मथाई की उपस्थिति पर आपत्ति जताई और कहा कि यह सही नहीं है क्योंकि वह इस देश के अंदरूनी मामलों में खुद को शामिल कर रहे हैं।
मथाई के साथ यहां पहुंचे विदेश मंत्रालय में मालदीव मामलों के संयुक्त सचिव हषर्वर्धन सिंगला ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति वहीद ने विदेश सचिव से सर्वदलीय सलाहमशविरा समिति की बैठक में मध्यस्थ के तौर पर शामिल होने का आग्रह किया था।
नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मालदीव के राजनीतिक दलों में भारत की मध्यस्थ के तौर पर भूमिका को लेकर आभार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत मालदीव के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।
पूछे जाने पर कि क्या भारत मालदीव में कुछ और अधिकारियों को भेजेगा, सूत्रों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो नई दिल्ली ऐसा कर सकता है लेकिन इस स्तर पर हम किसी को नहीं भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि माले में विदेश सचिव की बातचीत अच्छी रही।
सिंगला ने कहा कि बैठक के समन्वयक मुजुथाबा द्वारा कल रात मथाई को आधिकारिक आमंत्रण दिया गया।
तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के पद छोड़ने के बाद मालदीव में गहराये राजनीतिक संकट के बाद मथाई का इस देश का यह दूसरा दौरा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार मालदीव के आंतरिक मामलों में शामिल नहीं होगी लेकिन केवल मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी और यहां शांति स्थापित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
हस्तक्षेप के आरोपों के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर सिंगला ने कहा कि भारत की जल्द चुनाव की तारीखों और भविष्य की योजनाओं के बारे में कोई निर्णय लेने के संबंध में किसी भी तरह से कोई हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है।
हालांकि उन्होंने साफ किया कि मथाई राष्ट्रपति चुनाव जल्द कराने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने को लेकर समयसीमा जानना चाहते हैं जिसे लेकर सभी दल सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गये हैं। उन्होंने कहा कि संविधान और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करते हुए देश को लाभ पहुंचाने के लिए सभी पक्षों को निरंतर बातचीत में शामिल होना चाहिए।
सिंगला ने कहा कि दोनों देशों के बीच नजदीकी मैत्रीपूर्ण संबंध लोगों के साथ है, दलों के साथ नहीं। उन्होंने कहा कि कल रात की बैठक सफल रही और सभी दल इस बात पर सहमत हुए कि राष्ट्रपति चुनाव जल्द कराये जाने चाहिए। हालांकि अभी चुनावों की तारीख पर सहमति नहीं बनी है।
उधर, मथाई बुधवार को यहां से वियना रवाना हो गये। मथाई ने आज तड़के 24 घंटों के भीतर दूसरी बार राष्ट्रपति वहीद से मुलाकात कर उन्हें सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक और कल रात हुई सर्वदलीय बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी दी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 29, 2012, 21:04