Last Updated: Tuesday, September 24, 2013, 18:22
माले : मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के एक दिन बाद आज पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की अगुवाई वाली मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने इस फैसले को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। यहां के सर्वोच्च न्यायालय ने कल जम्हूरी पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दूसरे चरण के चुनाव को अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दिया था। दूसरे चरण का चुनाव 28 सितंबर को तय था।
पहले चरण के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहने के कारण जम्हूरी पार्टी दूसरे चरण के चुनाव से बाहर हो गई थी। मालदीव की संसद (मजलिस) की ओर से दूसरे चरण के चुनाव के संदर्भ में एक प्रस्ताव पारित किए जाने के कुछ घंटों के भीतर सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला आया। इस प्रस्ताव में सभी सरकारी संस्थाओं का आह्वान किया गया था कि 28 सितंबर को दूसरे चरण का चुनाव सुनिश्चित कराने में सहयोग करें। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एमडीपी के समर्थकों ने प्रदर्शन किया, हालांकि स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही।
मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने दूसरे चरण के चुनाव से संबंधित सभी तैयारियां रोक दी हैं। बीते सात सितंबर को हुए पहले चरण के चुनाव में चार उम्मीदवारों में से कोई भी उम्मीदवार जरूरी 51 फीसदी मत हासिल नहीं कर पाया था और ऐसे में दूसरे चरण का चुनाव कराना तय हुआ था। नशीद पहले चरण के चुनाव में 45 फीसदी से अधिक मत हासिल करके सबसे आगे थे, जबकि प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव के उम्मीदवार अब्दुल्ला यामीन दूसरे स्थान पर रहे थे। दूसरे चरण के चुनाव में नशीद और यामीन के बीच मुकाबला होना वाला था।
एमडीपी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए कहा कि वह जल्द ही पूरे देश में इसके खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी। सांसद और एमडीपी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रवक्ता अब्दुल गफूर ने बताया, यह फैसला असंवैधानिक है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला तख्तापलट का विधायिका द्वारा विरोध किए जाने की प्रतिक्रिया में आया है। हमने कल सभी सरकारी संस्थाओं से तय समय पर चुनाव सुनिश्चित कराने का आह्वान किया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 24, 2013, 18:22