Last Updated: Tuesday, April 24, 2012, 13:29
वाशिंगटन : अमेरिका मिसाइल मामले में चीन के साथ अंतर पाटने के भारत के प्रयास का समर्थन करता है। इस मामले में भारत की प्रगति से उसे कोई समस्या नहीं है।
अमेरिकी शोध संस्था हेरिटेज फांउडेशन की लीसा कुर्तिस तथा बेकर स्प्रिंग ने कहा कि परमाणु हथियार ढोने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण कर भारत ने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी चीन के खिलाफ परमाणु प्रतिरोधक क्षमता हासिल की है।
कुर्तिस और स्प्रिंग ने ब्लाग में लिखा है, ‘भारत के हाल में किए गए मिसाइल परीक्षण की अमेरिका द्वारा आलोचना नहीं करना बताता है कि अमेरिका को परमाणु तथा मिसाइल के क्षेत्र में भारत की प्रगति से कोई समस्या नहीं है। साथ ही वह चीन से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिये भारत की जरूरतों को समझता है।’ अग्नि-5 लगभग 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। मिसाइल विकास कार्यक्रम में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अग्नि-5 के अगले दो से तीन साल में पूरी तरह परिचालन में आने की संभावना है।’
मिसाइल परीक्षण पर अमेरिकी विदेश विभाग ने केवल इतना कहा कि परमाणु हथियारों से संपन्न सभी देशों को संयंम बरतना चाहिए। हालांकि विभाग ने यह भी कहा कि भारत का परमाणु अप्रसार के मामले में रिकॉर्ड बेहतर है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 24, 2012, 18:59