मिस्र: ब्रदरहुड पर लटकी पाबंदी की तलवार, 800 से ज्यादा की मौत

मिस्र: ब्रदरहुड पर लटकी पाबंदी की तलवार, 800 से ज्यादा की मौत

मिस्र: ब्रदरहुड पर लटकी पाबंदी की तलवार, 800 से ज्यादा की मौतकाहिरा : मिस्र की सेना समर्थित सरकार कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड पर पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है जिसके समर्थक अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को उनके पद पर बहाल करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, पिछले चार दिनों से सड़कों पर हो रही झड़पों में 800 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। अंतरिम प्रधानमंत्री हजम बेबलावी ने ब्रदरहुड को कानूनी तौर पर भंग करने का एक प्रस्ताव पेश किया है। ईजीवाई न्यूज साइट ने आज बताया कि मिस्र के पूर्व अंतरिम उप राष्ट्रपति मोहम्मद अलबरदेई ने अपना इस्तीफा मिस्र के अंतरिम राष्ट्रपति अदले मंसूर द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद एक विमान से आस्ट्रिया के लिए रवाना हुए हैं।

इस बीच देश की कैबिनेट ने तीन जुलाई को सेना द्वारा पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी को अपदस्थ किए जाने के बाद के हालात की समीक्षा की है। बेबलावी ने संवाददाताओं से कहा, उन लोगों से कोई सुलह सफाई नहीं, जिनके हाथ खून से सने हैं और जिन्होंने सरकार और उसके संस्थानों के खिलाफ हथियार उठाए। बीबीसी के अनुसार ब्रदरहुड को भंग करने के उनके प्रस्ताव से मिस्र के नियंत्रण के लिए संषर्घ में दावेदारियां बढ़ गई हैं। अगर इस प्रस्ताव पर अमल किया गया तो इस ब्रदरहुड को भूमिगत होने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है और इसे धन मुहैया कराने वाले स्रोतों को निशाना बनाया जा सकता है।

‘एंटी कू अलायंस’ द्वारा जारी एक बयान में फिर से प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया है। इसके अलावा मुर्सी समर्थकों पर सुरक्षा बलों के बढ़ते दमन के विरोध में दैनिक अभियान भी जारी रहेगा। मुर्सी समर्थकों की प्रस्तावित रैलियों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा उपायों के तहत दक्षिणी काहिरा में सुप्रीम कांस्टीट्यूशनल इमारत पर बख्तरबंद वाहन और सैनिक तैनात किए जा रहे हैं।

बुधवार के बाद से देश में हिंसक झड़पों में 800 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मुर्सी के प्रति आस्थावान लोग लगातार इस प्रयास में लगे हैं कि उनकी सत्ता में वापसी हो।

अंतरिम सरकार उनके इस इरादे को पूरा नहीं होने देना चाहती। इसी खींचतान के चलते सुरक्षा बलों ने बुधवार को मुर्सी समर्थकों के दो शिविरों पर धावा बोल दिया, जिसके बाद दोनो पक्षों में भीषण झड़प हुई। मिस्र के सुरक्षा बलों ने कल काहिरा की अल फतह मस्जिद को ब्रहरहुड के समर्थकों से मुक्त करा लिया। प्रदर्शनकारी पिछले कई दिन से इस मस्जिद पर कब्जा किए हुए थे। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को मस्जिद से बाहर निकाला और उन्हें नाराज भीड़ के बीच से ले गए, जो उन्हें आतंकवादी बता रही थी और उन्हें पीटने पर आमादा थी।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक करीब 250 प्रदर्शनकारियों से हत्या, हत्या का प्रयास और तथाकथित ‘आतंकवाद’ के आरोपों के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है। गृह मंत्रालय के अनुसार मुस्लिम ब्रदरहुड के 1004 सदस्यों को देशभर में मारे गए छापों के दौरान हिरासत में लिया गया और उनके कब्जे से बम, हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया।

सरकार से करीबी रखने के बावजूद ब्रदरहुड हमेशा प्रतिबंधित संगठन रहा। इसे मिस्र के सैनिक शासकों ने 1954 में भंग कर दिया था, लेकिन हाल ही में इसने खुद को गैर सरकारी संगठन के तौर पर पंजीकृत कराया। मिस्र की अंतरिम सरकार लगातार इस कोशिश में लगी है कि विश्व समुदाय कई दिन की घातक हिंसा के बाद उसके पक्ष को भी सुने। विदेश मंत्रालय के सदस्यों ने हाल के खूनखराबे पर एक वीडियो और फोटो जारी किए, जिसमें देश में फैली अफरा तफरी के लिए मुर्सी समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

ब्रदरहुड के हवाले से बताया गया है कि मुर्सी समर्थक नेताओं के बेटों बेटियों को निशाना बनाया गया। ब्रदरहुड के प्रमुख मोहम्मद बेदई के बेटे अम्मार बेदई उन लोगों में शामिल हैं जिनकी शुक्रवार को काहिरा में गोली मार कर हत्या कर दी गई। एक सुरक्षा अधिकारी ने कल बताया कि अधिकारियों ने अलकायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी के भाई को भी गिरफ्तार किया है। अति कट्टरपंथी जिहादी सलाफीवादी संगठन के नेता मोहम्मद अल जवाहिरी को गीजा में एक चौकी पर हिरासत में लिया गया। (एजेंसी)

First Published: Sunday, August 18, 2013, 18:26

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