मिस्र में भीड़ ने तोड़ा राष्ट्रपति भवन का सुरक्षा घेरा

मिस्र में भीड़ ने तोड़ा राष्ट्रपति भवन का सुरक्षा घेरा

मिस्र में भीड़ ने तोड़ा राष्ट्रपति भवन का सुरक्षा घेराकाहिरा : मिस्र में हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारियों ने इस्लामवादी राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी से विवादास्पद संविधान के लिए जनमत संग्रह कराने की अपनी जिद छोड़ने की मांग करते हुए राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने के दौरान सेना के अवरोधकों को तोड़ दिया। हालांकि सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन के मुख्य द्वार के पास जाने से पहले रोक लिया।

मुरसी के खिलाफ जन रैली में शामिल होने के लिए लोग शुक्रवार सुबह से ही तहरीर चौक पहुंचने लगे थे। उनकी मांग है कि राष्ट्रपति अपने अधिकारों को असीम बनाने वाले आदेश को वापस लें और 15 दिसंबर को संविधान पर प्रस्तावित जनमत संगह को टाल दें। मुरसी विरोधियों का कहना है कि यह संविधान न तो मिस्र के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है और ना ही उनकी रक्षा करता है।

मिस्र के मुख्य विपक्षी गठबंधन ‘नेशनल सालवेशन फ्रंट’ के एक वरिष्ठ सदस्य का कहना है कि उनका मोर्चा मुरसी की ओर से कल रात प्रस्तावित वार्ता में भाग नहीं लेगा। गौरतलब है कि राष्ट्रपति भवन से प्रदर्शनकारियों को दूर रखने के लिए वहां टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां तैनात की गई हैं। राष्ट्रपति भवन के आसपास के क्षेत्रों में मुरसी समर्थकों और विरोधियों के बीच पिछले दो दिनों में हिंसक झड़पें हुई हैं। इन झड़पों में सात लोग मारे गए हैं और करीब 700 लोग घायल हो गये।

प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे लोग ‘ब्रदरहुड की मिलिशिया को उखाड़ फेंकने का शुक्रवार है’, ‘लाल कार्ड शुक्रवार है’ और ‘अंतिम चेतावनी का शुक्रवार है’ के नारे लगा रहे थे। मुरसी ने 22 नवंबर को एक आदेश जारी कर राष्ट्रपति पद और उनके निर्णयों के न्यायिक पुनरवलोकन के अधिकार समाप्त कर दिए थे और इस्लामवादी प्रभुत्व वाली शुरा परिषद् और संविधान सभा को अदालत के आदेशों से भंग करने का अधिकार भी समाप्त कर दिया था। फैसले के बाद से ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी तहरीर चौक पर धरना दे रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Saturday, December 8, 2012, 09:02

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