मिस्र में संविधान के मसौदे को वोटरों की स्वीकृति

मिस्र में संविधान के मसौदे को वोटरों की स्वीकृति

काहिरा : मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के नेतृत्व वाले इस्लामीवादी समर्थकों ने दावा किया है कि दो चरणों में संपन्न जनमत संग्रह में मतदाताओं के बहुमत ने देश के नए संविधान के मसौदा स्वीकार कर लिया है। सरकारी मीडिया का कहना है कि करीब 64 फीसदी मतदाताओं ने मसौदे के समर्थन में मतदान किया है। जनमत संग्रह के अंतिम नतीजे का एलान कल से पहले तक नहीं होने का अनुमान है।

इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक शाखा ‘फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी’ ने दावा किया है कि कल हुए मतदान में 71 फीसदी से अधिक लोगों ने मसौदे पर पूछे गए सवाल पर ‘हां’ के पक्ष में मतदान किया। कल यहां जनमत संग्रह के लिए दूसरे चरण का मतदान हुआ। पहले चरण का मतदान 15 दिसंबर को हुआ था।

पहले चरण के मतदान में करीब 56.5 फीसदी लोगों ने संविधान के मसौदे के समर्थन में मतदान किया था। संविधान के मसौदे को लेकर मिस्र के भीतर गहरा मतभेद सामने आ गया है क्योंकि इस्लामी विचार वाले लोगों ने इसे तैयार किया है।


मिस्र की विपक्ष का कहना है कि जनमत संग्रह के लिए मतदान के दूसरे चरण में मतदान केंद्रों को देर से खोला गया और अनियमितताएं बरती गईं। यहां की संविधान सभा ने बीते 30 नवंबर को नए संविधान के मसौदे को मंजूरी दी थी। इस मसौदे में देश के भीतर इस्लामी मूल्यों को लागू करने की बात की गई है जिसका उदारवादी पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

इससे पहले ‘फ्रीडम ऐंड जस्टिस पार्टी’ के एक पदाधिकारी ने आज कहा कि 71 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने कल मसौदा संविधान के पक्ष में ‘हां’ का मत डाला। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी गणना के अनुसार दूसरे चरण के अंतिम नतीजा 71 फीसद ‘हां’ और (दो चरणों का) समग्र नतीजा 63.8 प्रतिशत है।’’ उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते के शुरू में जनमत संग्रह के अंतिम नतीजों की घोषणा की जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 23, 2012, 19:00

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