Last Updated: Friday, September 7, 2012, 19:34

इस्लामाबाद: विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा के साथ अपनी वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार का कहना है, ‘‘आतंकवाद अतीत का मंत्र था, आतंकवाद भविष्य का मंत्र नहीं है ।’’ उन्होंने भारत से कहा कि वह मुंबई हमलों की सुनवायी को ‘याथार्थवादी’ नजरिए से देखे ‘भावुकता’ से नहीं ।
खार ने संकेत दिया कि कृष्णा की यात्रा के दौरान नए वीजा समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएगा ।
खार ने साक्षात्कार में कहा कि भारत को एक अलग नजरिए से देखने की पाकिस्तान की कोशिशों और भारत के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने (जैसे व्यापार) के बारे में उसने कई गंभीर संकेत दिए हैं ।
उन्होंने कहा कि ऐसा करके उनके देश ने कई बातों पर अपना पुराना रुख बदला है ।
फिर से बहाल हुई वार्ता को जारी रखने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आगे बढ़ने का अर्थ है कि भारत-पाकिस्तान साथ में बातचीत करेंगे और छोटे कदम मझोले आकार के कदमों में बदलेंगे ।’
खार ने कहा, ‘‘मैं सोचती हूं कि यह हो रहा है और फिर हमारे सामने बड़े कदम हैं लेकिन उनके लिए हमें सोच को बदलना होगा । उन्होंने कहा, ‘‘जब मुझे बताया गया कि आतंकवाद बातचीत का मुद्दा बना रहेगा मैं स्तब्ध रह गई । कौन मुझे कह सकता है कि आतंकवाद पाकिस्तान के लिए मुद्दा नही हैं । और यह सब पुराने समय की बातें हैं।’’
खार ने कहा कि आज से पहले जो भी हुआ वह अतीत है और हमें भविष्य में सहयोग बढ़ाने के मौके को गंवाना नहीं चाहिए ।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत तकलीफ होगी अगर पाकिस्तान या भारत एक दूसरे के साथ बैर की रिश्तों को अपनी पहचान के लिए चुनते हैं ।’’ मुंबई हमलों की सुनवायी को जल्दी पूरा करने की भारत की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘एक ही बात को बार-बार दोहराने से मामला सुलझेगा नहीं ।’’ उन्होंने कहा कि भारत को न्याययिक प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए पूरे मामले को ‘याथार्थवादी’‘ नजरिए से देखना चाहिए ‘भावनात्मक’ नजरिए से नहीं ।
पूछने पर कि कृष्णा की यात्रा के दौरान सरल वीजा समझौते पर हस्ताक्षर होने के बारे में वह क्या सोचती हैं उन्होंने कहा ‘‘इंशाअल्लाह, होना चाहिए ।’’ (एजेंसी)
First Published: Friday, September 7, 2012, 19:26