मुरसी अड़े, मिस्र में प्रदर्शन के नए दौर की तैयारी

मुरसी अड़े, मिस्र में प्रदर्शन के नए दौर की तैयारी

मुरसी अड़े, मिस्र में प्रदर्शन के नए दौर की तैयारीकाहिरा : मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी की ओर से अपने विवादित आदेश के मुद्दे पर समझौता का रूख नहीं अपनाने के कारण मिस्र एक बार फिर प्रदर्शनों के नए दौर से रू-ब-रू होता प्रतीत हो रहा है। मुरसी ने एक आदेश जारी कर राष्ट्रपति पद और शुरा परिषद के अधिकारों को असीमित तौर पर बढ़ा लिया था जिसके कारण देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया। इन प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में सात लोग मारे गए और करीब 700 लोग घायल हो गए।

टीवी पर सीधे प्रसारण के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए मुरसी ने अपने विवादित आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया और 15 दिसंबर को नए संविधान पर जनमत संग्रह कराने की कसम भी खाई। मुरसी ने कहा कि वह लोगों के निर्णय के शांतिपूर्ण विरोध का सम्मान करते हैं लेकिन वह हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने झड़पों में शामिल लोगों की आलोचना करते हुए वादा किया कि उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। राष्ट्रपति ने यह बातें हथियार उठाने वाले लोगों और पुराने शासन के भ्रष्ट सदस्यों का हवाला देते हुए कहीं।

मुरसी ने कहा, ‘वे सजा से नहीं बचेंगे।’ अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनों के बाद 80 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुरसी समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पों के कारण काहिरा स्थित राष्ट्रपति का महल युद्ध क्षेत्र में बदल गया था। प्रदर्शनकारियों को महल से दूर रखने के लिए वहां टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां तैनात की गई थीं। मुरसी ने विपक्ष के सामने बातचीत की पेशकश की और उनके (विपक्ष के) प्रतिनिधियों को मिलने के लिए कल अपने कार्यालय में बुलाया। सरकारी टीवी चैनल ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा है कि मुरसी का संबोधन समाप्त होने के कुछ ही मिनट बाद काहिरा स्थित मुस्लिम ब्रदरहुड के मुख्यालय को आग के हवाले कर दिया गया।

काहिरा के उत्तरी भाग में स्थित राष्ट्रपति के गृहनगर जागजिग में उनके घर के सामने जमा प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। इस्लामिक समूह ने अपनी वेबसाइट और सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर कहा है कि इमारत को सैकड़ों लोगों ने घेर लिया था, उसपर आतंकवादी हमला हुआ है। आग बहुत ज्यादा नहीं फैली है और नुकसान ज्यादा नहीं हुआ है। ट्विटर पर ब्रदरहुड ने लिखा है कि ‘हिंसा भड़काने और अपने समर्थकों को उकसाने के लिए’ वह पूरी तरह विपक्षी नेताओं को जिम्मेदार ठहराएगा।

मिस्र के नव-नियुक्त सरकारी अभियोजक के प्रवक्ता आदिल सईद ने कहा कि हमदीन सबाही, मोहम्मद अलबरदेई और अम्र मूसा के खिलाफ कथित तौर पर सरकार के खिलाफ ‘साजिश रचने’ की जांच की जा रही है। सरकारी अभियोजक के प्रवक्ता के बयान से इतर विपक्ष के प्रवक्ता का कहना है कि राष्ट्रपति ने समझौते का एक ऐतिहासिक मौका गंवा दिया है। विपक्षी नेशनल सालवेशन फ्रंट आंदोलन के प्रमुख समन्वयक एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अलबरदेई ने राष्ट्रपति के भाषण पर निराशा व्यक्त की है।

उधर, व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कल रात मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्म्द मुरसी को फोन कर हाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर गंभीर चिंता जताई।
बयान में कहा गया है कि उन्होंने वार्ता करने की मुरसी की पहल का स्वागत किया। बयान के अनुसार ओबामा ने मुरसी से जोर देते हुए कहा कि बातचीत बिना किसी पूर्व शर्त के होनी चाहिए।
मुरसी ने 22 नवंबर को संवैधानिक आदेश जारी कर नए संविधान पर मतदान होने तक राष्ट्रपति पद और उसके निर्णयों को न्यायिक समीक्षा से मुक्त करा लिया। इसी वजह से देश में प्रदर्शनों का नया दौर शुरू हो गया जिसने हिंसक रूप ले लिया। संकट की इस घड़ी में मुरसी के चार सलाहकारों ने इस्तीफा दे दिया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, December 7, 2012, 18:23

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