मुशर्रफ के साथ हुए व्यवहार पर सैन्य अधिकारियों ने जताया विरोध

मुशर्रफ के साथ हुए व्यवहार पर सैन्य अधिकारियों ने जताया विरोध

मुशर्रफ के साथ हुए व्यवहार पर सैन्य अधिकारियों ने जताया विरोधइस्लामाबाद : पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के एक समूह ने पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ के साथ किए गए ‘‘अपमानजनक व्यवहार ’’ का विरोध किया है। मुशर्रफ को 2007 के आपातकाल और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या मामले में गिरफ्तार किया गया है।

कमान एंड स्टाफ कालेज क्वेटा के 75 अधिकारियों ने मुशर्रफ के साथ किए गए व्यवहार और सेना के कथित अपमान को लेकर संसद के उच्च सदन सीनेट की एक समिति के साथ बैठक के दौरान चिंता जतायी। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर्नल साकिब अली चीमा कर रहे थे। प्रतिनिधिमंडल ने कल संसद भवन में रक्षा मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष मुशाहिद हुसैन सैयद से मुलाकात की।

डॉन समाचारपत्र ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सैन्य अधिकारियों की राय में संविधान के तहत सशस्त्र बलों की आलोचना नहीं की जा सकती। दि न्यूज डेली ने खबर दी है कि सैन्य अधिकारियों ने ‘‘एक संस्थान के रूप में कथित तौर पर सेना का उपहास किए जाने’’ पर चिंता जतायी।
मुशर्रफ के खिलाफ बलूच नेता अकबर बुगती की 2006 में एक सैन्य अभियान में मौत का भी आरोप है और कई वकीलों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर उनके खिलाफ आपातकाल लगाने को लेकर मुकदमा चलाए जाने की मांग की है। मुशर्रफ को अगले महीने होने वाले आम चुनाव में भाग लेने की भी अनुमति नहीं मिली।

पिछले कुछ दिनों में पूर्व सेना प्रमुख मिर्जा असलम बेग सहित कई अवकाशप्राप्त जनरलों ने मुशर्रफ के साथ हुए व्यवहार पर चिंता जतायी है। सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत में मुशाहिद हुसैन सैयद ने उनके विचारों से सहमति जतायी। समझा जाता है कि उन्होंने कहा कि हम सब को अपने सशस्त्र बलों के पेशेवर रूख और संविधान पर गर्व है। न्यायपालिका और सशस्त्र बल राष्ट्रीय संस्थान हैं और उनकी किसी प्रकार की आलोचना नहीं की जानी चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 27, 2013, 16:02

comments powered by Disqus