Last Updated: Wednesday, May 15, 2013, 12:47

इस्लामाबाद : वर्ष 2007 में आपातकाल के दौरान न्यायाधीशों को बर्खास्त करने और हिरासत में रखने के संबंध पर पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित दल ने प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
पूछताछ के दौरान मुर्शरफ ने जांच दल से कहा कि वारंट जारी होने के बाद वह अपने वकीलों की सलाह पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से फरार हुए थे। न्यायाधीशों को हिरासत में रखने के बारे में पूछने पर मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया था। मुशर्रफ ने बताया कि न तो इस मामले में किसी न्यायाधीश ने शिकायत दर्ज कराई और न ही उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मुशर्रफ ने जांचकर्ताओं से कथित रूप से कहा कि दो दिन बात एक वकील ने उस समय प्राथमिकी दर्ज कराई जब मैं विदेश में था और मुझे इस बारे में 2013 में पता चला। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने हाल में आदेश दिया था कि इस संबंध में मुर्शरफ के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके उनके खिलाफ आरोप लगाए थे। अदालत ने आतंकवाद निरोधक कानून की धारा-7 के तहत उनके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और आतंकवाद निरोधक अदालत ने बाद में उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 15, 2013, 12:47