मुश्किल में सरकोजी, होलांद से कड़ी चुनौती - Zee News हिंदी

मुश्किल में सरकोजी, होलांद से कड़ी चुनौती


पेरिस : फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के प्रथम चरण में दूसरे स्थान पर रहे मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को छह मई को होने वाले दूसरे चरण के मतदान में समाजवादी नेता फ्रांसुआ होलांद से कड़ी चुनौती मिल रही है। दूसरी ओर होलांद ने सरकोजी के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने होलांद से तीन बहसों में उनका सामना करने की चुनौती दी है। सरकोजी दूसरे चरण के मतदान से पहले होलांद के साथ तीन सार्वजनिक बहस चाहते हैं। लेकिन होलांद ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

 

सरकोजी ने होलांद को चुनौती देते हुए रविवार को कहा कि मैं तीन बार बहस के आयोजन का प्रस्ताव करता हूं। फ्रांस के लोगों को सच्चाई जानने और स्पष्ट होने का अधिकार है। बीबीसी के अनुसार, होलांद ने हालांकि इस विचार को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के मतदान से पहले परम्परा के अनुसार एक बहस ही पर्याप्त है।

 

होलांद ने फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव के प्रथम चरण में जीत हासिल कर ली है। उन्हें 28.6 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं, जबकि मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी 27.1 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे स्थान हैं। नेशनल फ्रंट की मैरीन ली पेन 18 प्रतिशत वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर हैं। दूसरे चरण का मतदान छह मई को होगा। इस चुनाव पर फ्रेंच अर्थव्यवस्था और यूरोजोन संकट को लेकर व्यापक चिंताएं हावी हैं।

 

होलांद ने दक्षिण पश्चिम फ्रांस के टुले स्थित अपने मुख्यालय में एक सम्बोधन में कहा कि आज की रात मैं फ्रांस के लोगों के वोट से उन सभी ताकतों का उम्मीदवार बन गया हूं, जो एक पन्‍ने को बंद कर दूसरे पन्‍ने को खोलना चाहते हैं। आप सभी को धन्यवाद, आज रात, बदलाव की बयार चल रही है, और कुछ नहीं, मुझे कुछ नहीं कहना है, बस इतना ही। होलांद ने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छह मई को मैं फ्रांस के इतिहास की और इसके भविष्य की सबसे बड़ी जीत चाहता हूं।

 

रविवार के परिणाम के बाद खुद को एलिसी पैलेस के लिए सर्वोत्तम उम्मीदवार के रूप में पेश करते हुए होलांद ने एक विशाल जनसमूह से आग्रह किया कि छह मई के निर्णायक चुनाव की जीत जितना भी सम्भव हो सके, उतनी बड़ी होनी चाहिए। राष्ट्रपति पद के दोनों प्रतिद्वंद्वी, सरकोजी और होलांद 27 अप्रैल से दूसरे चरण के लिए अपना अभियान शुरू करेंगे। इसके तहत वे कई रैलियां आयोजित करेंगे तथा दो मई को टेलीविजन पर आमने-सामने बहस करेंगे। यदि होलांद विजयी होते हैं, तो वह फ्रांसुआ मिटरैंड के बाद फ्रांस के पहले वामपंथी राष्ट्रपति होंगे।

First Published: Monday, April 23, 2012, 19:30

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