Last Updated: Tuesday, January 24, 2012, 16:53
इस्लामाबाद : मेमोगेट विवाद की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने पाकिस्तानी मूल के विवादास्पद कारोबारी मंसूर एजाज को आखिरी मौका देते हुए कहा है कि वह नौ फरवरी से पहले उसके समक्ष उपस्थित हों। पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक ने उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित तीन न्यायाधीयों के आयोग के भरोसा दिलाया कि सरकार एजाज को पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी। इसके बाद आयोग ने एजाज के वकील अकरम शेख को 30 मिनट का समय दिया कि वह अपने मुवक्किल से विचार-विमर्श कर लें। बाद में शेख ने आयोग को सूचित किया कि एजाज ने सुरक्षा चिंताओं के कारण पाकिस्तान नहीं आ रहे हैं।
शेख ने कहा, एजाज को मलिक में कोई भरोसा नहीं है और उन्हें डर है कि उनकी हत्या की जा सकती है। न्यायिक आयोग के प्रमुख काजी फैज ईशा ने कहा कि अगर एजाज का पाकिस्तान आने का इरादा नहीं है तो आयोग भी उनके पीछे नहीं भागेगा।
आयोग ने शेख से कहा कि वह अपने मुवक्किल को सूचित कर दें कि यह उन्हें आखिरी मौका दिया जा रहा है और नौ फरवरी को अगली सुनवाई से पहले यहां उपस्थित हो जाएं। मेमो विवाद के केंद्रबिंदु में रहे एजाज दो मौकों पर आयोग के सामने पेश होने में नाकाम रहे हैं। इससे पहले उन्हें 16 जनवरी को आयोग के समक्ष पेश होना था, हालांकि वह पाकिस्तान नहीं पहुंचे थे। इससे पहले आयोग ने एजाज को सुरक्षा उपलब्ध कराने के संबंध में लगाए गए आरोपों पर गृह मंत्री रहमान मलिक से जवाब तलब किया।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में एक बैठक के दौरान न्यायिक आयोग के अध्यक्ष तथा बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईशा ने जानना चाहा कि एजाज क्यों नहीं गवाही के लिए आयोग के समक्ष आ रहे हैं । इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि वह जब भी देश आएं तो उन्हें सुरक्षा मुहैया करायी जाए।
एजाज के वकील अकरम शेख ने इसके जवाब में कहा कि उनके मुवक्किल मैमो कांड के संबंध में सभी सबूत आयोग के समक्ष लाना चाहते हैं लेकिन गृह मंत्रालय ने उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डालने की धमकी दी है । यह वह सूची है जिसमें उन सभी लोगों के नाम शामिल हैं जिन्हें पाकिस्तान से बाहर यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
आयोग उस मैमो मामले की जांच कर रहा है जिसके जरिए पिछले वर्ष मई में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के अमेरिकी अभियान में मारे जाने के बाद तख्तापलट की आशंका के मद्देनजर इसे टालने के लिए अमेरिका की मदद मांगी गयी थी। शेख ने दावा किया कि एजाज को सरकारी अधिकारियों से धमकी मिल रही है और वह गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सुरक्षा से संतुष्ट नहीं हैं।
एजाज ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह मैमो मामले में गवाही के लिए पाकिस्तान नहीं आएंगे क्योंकि सरकार पाकिस्तान में उनकी सुरक्षा को लेकर जतायी गयी चिंताओं का समाधान करने में विफल रही है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 24, 2012, 22:24