Last Updated: Thursday, February 9, 2012, 12:51
इस्लामाबाद : मेमो कांड की जांच कर रहे पाकिस्तानी न्यायिक आयोग के समक्ष उपस्थित होने के अंतिम अवसर पर अमेरिकी व्यवसायी मंसूर एजाज आज पेश नहीं हुए। उनके वकील ने कहा कि वह लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए तैयार है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एजाज पाकिस्तान में आकर गवाही देने के मुद्दे पर अपने पूर्व रूख से पूरी तरह पलट गये जबकि पाक सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए सभी प्रकार के आश्वासन दिये हैं।
पिछले माह सुनवाई के दौरान आयोग ने एजाज को उसके समक्ष आज पेश होने का अंतिम अवसर दिया था। एजाज को उस गोपनीय मेमो के बारे में गवाही देनी है जिसमें पिछले साल मई में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद पाकिस्तान में आशंकित सैन्य तख्तापलट की स्थिति में अमेरिका से मदद मांगी गयी थी।
तीन न्यायाधीशों वाले आयोग ने दो बार एजाज के उसके समक्ष पेश होने में विफल रहने के बाद यह निर्देश जारी किया था।
अपने वकील अकरम शेख के माध्यम से भेजे गये संदेश में एजाज ने पाकिस्तान नहीं आ पाने के पीछे सुरक्षा कारण बताये हैं।
आज की सुनवाई में शेख ने आयोग से कहा कि एजाज पाकिस्तान नहीं आना चाहता लेकिन वह मेमो के बारे में साक्ष्य मुहैया कराने और देश के बाहर अपना बयान देने को तैयार है।
भोजनावकाश के समय एजाज से संपर्क करने के बाद शेख ने आयोग को सूचित किया कि वह लंदन में पाक उच्चायुक्त के समक्ष अपना बयान दर्ज करवाने को तेयार है।
शेख ने यह भी दावा किया कि आयोग के पास एजाज को तलब करने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह एक अमेरिकी नागरिक है और उसने आयोग के समक्ष पेश होने की स्वैच्छिक आधार पर की है।
शेख ने दावा किया कि एजाज जब पाकिस्तान में आ जायेगा तो उस पर स्थानीय कानून लागू होने शुरू हो जायेंगे। मेमो कांड की जांच संसदीय आयोग भी कर रहा है और वह एजाज को पकड़ने के लिए कह सकता है। आयोग ने कहा कि सरकार द्वारा तमाम तरह के आश्वासन दिये जाने के बावजूद एजाज पाकिस्तान नहीं आया।
उसने यह भी कहा कि इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि वह विदेश में भी अपना बयान दर्ज करवायेगा।
गृह मंत्री रहमान खान ने पिछले माह आयोग में पेश होने के दौरान आश्वासन दिया था कि एजाज को पूर्ण सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी।
बहरहाल, एजाज ने कहा कि उन्हें मलिक पर कोई भरोसा नहीं है। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी को इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि इससे पहले पिछले साल एजाज ने कथित मेमो को सार्वजनिक कर दिया था। एजाज ने दावा किया उन्होंने हक्कानी के निर्देश मेमो का मसौदा बनाया था और उसे अमेरिकी सेना को सौंपा था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 9, 2012, 18:22