मेमोगेट: नवाज की सुप्रीम कोर्ट से गुहार - Zee News हिंदी

मेमोगेट: नवाज की सुप्रीम कोर्ट से गुहार

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश के सर्वोच्च न्यायालय से कहा है कि बहुचर्चित गोपनीय ज्ञापन (मेमोगेट) विवाद के संदर्भ में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी और आईएसआई के मुखिया अहमद शूजा पाशा को सम्मन किया जाए।

 

शरीफ ने प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के नेतृत्व वाली नौ न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष उपस्थित होकर यह आग्रह किया। यह खंडपीठ मेमोगेट मामले पर दायर नौ याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। पीएमएल-एन के प्रमुख शरीफ ने देश की सबसे बड़ी अदालत से आग्रह किया कि मामले की तेजी से पड़ताल की जाए क्योंकि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके गंभीर प्रभाव पड़े हैं। गोपनीय ज्ञापन का मामला पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज के जरिए सामने आया था। यह ज्ञापन पाकिस्तान की असैन्य सरकार ने कथित तौर पर अमेरिका के पास भेजा था, जिसमें सेना की ओर से तख्तापलट किए जाने की आशंका के मद्देनजर मदद का आग्रह किया गया था।

 

मेमोगेट मामले ने पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया। इस विवाद के केंद्र बिंदु में रहने के कारण वाशिंगटन में अमेरिकी राजदूत हुसैन हक्कानी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शेरी रहमान को नया राजदूत नियुक्त किया गया। शरीफ ने अपनी याचिका में कहा कि उच्चतम न्यायालय जरदारी, हक्कानी, कयानी, शूजा पाशा और विदेश सचिव सलमान बशीर को सम्मन करके पूरे मामले के ब्यौरा मांगे।

 

उन्होंने खंडपीठ को बताया कि वह जरदारी जैसे व्यक्ति पर आरोप मढ़ने के लिए यहां उपस्थित नहीं हुए हैं, बल्कि वह मेमोगेट विवाद के मामले को लेकर आए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक एजेंसी गठित की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति चौधरी ने टिप्पणी की कि यह मामला आपराधिक पहलुओं को समेटे हुए है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 1, 2011, 15:27

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