Last Updated: Sunday, March 18, 2012, 12:58
इस्लामाबाद\श्रीनगर : कश्मीर अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने मैमो कांड की जांच कर रहे पाकिस्तानी आयोग के समक्ष गवाही देने के लिए याचिका दाखिल की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें एक पूर्व वरिष्ठ रॉ अधिकारी के साथ उनके संबंधों के बारे में विवादास्पद अमेरिकी कारोबारी द्वारा किए गए दावों के खंडन का मौका दिया जाना चाहिए।
उनकी पाकिस्तानी पत्नी मिशाल मलिक ने शनिवार को यह याचिका दाखिल की जिसमें उन्होंने मैमो कांड में एक पक्षकार बनाए जाने की मांग की गयी है।
विवादास्पद पाकिस्तानी-अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज ने एक रहस्यमय मैमो को सार्वजनिक कर देश के राजनीतिक और राजनयिक गलियारों में बड़ा संकट पैदा कर दिया था। इस मैमो में पिछले वर्ष दो मई को ऐबटाबाद में अमेरिकी विशेष बलों की कार्रवाई में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद संभावित तख्तापलट को टालने में अमेरिकी मदद मांगी गयी थी।
एजाज ने मामले में जिरह के दौरान दावा किया था कि उसने मलिक तथा रिसर्च एंड एलालिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख सी डी सहाय के बीच मुलाकात का इंतजाम किया था।
श्रीनगर में मलिक के वकील जफर अहमद शाह ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार एम चौधरी को लिखे एक पत्र में कहा है कि अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मलिक को आयोग के समक्ष गवाही का एक मौका दिया जाना चाहिए।
शाह ने बताया, एक अपील पाकिस्तान आयोग को भेजी गयी है कि मलिक आयोग के समक्ष गवाही देना चाहेंगे। शाह ने पत्र में कहा है, वह (मलिक) आयोग के समक्ष स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा सचाईपूर्ण बयान देना चाहेंगे जिससे सवालों का जवाब तलाशने में काफी मदद मिलेगी। उधर मिशाल ने आवेदन में कहा है कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता और उनके पति के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन आधारहीन आरोपों ने उन्हें काफी तकलीफ दी है और मलिक की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने आयोग से अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मलिक को एक मौका दिए जाने को कहा है।
मिशाल ने कहा कि उनके पति इस समय श्रीनगर में हैं और अगले माह आयोग के समक्ष पेश हो सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 18, 2012, 21:00