Last Updated: Monday, February 6, 2012, 10:29
यंगून : म्यांमार के चुनाव आयोग ने विपक्ष की नेता आन सान सू की को संसदीय उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी जिससे देश में सैन्य शासन के आधी सदी के लंबे दौर के बाद राजनीतिक खुलेपन की दिशा में देश ने एक और कदम बढ़ा दिया है।
सू की ने पिछले महीने चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी और आयोग से इसकी आधिकारिक अनुमति मिलने की राह देख रही थीं। अप्रैल में होने वाले चुनाव के लिए आयोग ने उनकी योग्यता की जांच करने की बात कही थी। सू की की पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि आयोग ने सू की की उम्मीदवारी को अपनी स्वीकृति दे दी है और पार्टी आज इसकी आधिकारिक घोषणा कर देगी।
पिछले साल म्यांमार में औपचारिक नागरिक शासन की स्थापना की गयी थी। इस नयी सरकार ने देश के सबसे बड़े आलाचकों को चौंकाते हुए सैकड़ों राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दिया। साथ ही जातीय विद्रोहियों के साथ संघर्ष विराम के समझौते किए, मीडिया की स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया और सेंसरशिप के कानूनों को सरल किया।
म्यांमार की सरकार को उम्मीद है कि इन सुधारों से पश्चिमी देश सैन्य शासन के दौरान म्यामां पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटा लेंगे। पश्चिम देशों की सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह अप्रैल में होने वाले चुनावों की समीक्षा के बाद ही इस पर कोई निर्णय लेंगे।
अप्रैल में 48 रिक्त संसदीय सीटों के लिए उपचुनाव होंगे। कैबिनेट और दूसरे पदों के लिए चुने गए सासंदों द्वारा सीटें छोड़ने के कारण ये पद रिक्त पड़े हुए हैं। सू की की पार्टी अगर ये सभी 48 सीटें जीत भी लें तो वह ज्यादा ताकतवर नहीं हो सकती क्योंकि 440 सदस्यीय संसद के निचले सदन में सेना के सहयोगी और उसके द्वारा नियुक्त किए गए लोगों का वर्चस्व है।
लेकिन सू की के लिए यह जीत ऐतिहासिक होगी क्योंकि वह पिछले दो दशकों तक नजरबंद रही है। 1990 के चुनावों में उनकी पार्टी ने पूर्ण बहुमत से चुनाव जीता था लेकिन जुंता सरकार ने चुनाव परिणामों को मानने से इनकार कर दिया था। सू की यंगून के दक्षिण में स्थित काव्हमू जिले की सीट से चुनाव लड़ेगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 6, 2012, 17:20